उदित वाणी, जमशेदपुर: जमशेदपुर के आर. माधवन की फिल्म ‘हिसाब बराबर’ का 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में भव्य प्रीमियर हुआ. सातवें दिन के समापन पर गोवा स्थित पीआईबी मीडिया सेंटर में फिल्म की टीम ने मीडिया से खुलकर बातचीत की. इस फिल्म में आर. माधवन मुख्य भूमिका में हैं, जबकि उनके साथ अभिनेत्री कीर्ति कुल्हारी नजर आएंगी.
फिल्म की कहानी: एक अनूठा व्यंग्य
‘हिसाब बराबर’ भारतीय रेलवे के एक कर्मठ टिकट चेकर, राधे मोहन शर्मा की कहानी है, जिसे आर. माधवन ने जीवंत किया है. फिल्म एक हल्के-फुल्के व्यंग्य के माध्यम से गंभीर संदेश देती है. यह दर्शकों को अपने बैंक लेन-देन पर नजर रखने की प्रेरणा देती है.
मुख्य बिंदु:
- राधे मोहन शर्मा को मानव कैलकुलेटर के रूप में दिखाया गया है, जो हर छोटे-बड़े खर्च का हिसाब रखता है.
- अपने बैंक खाते में एक मामूली असंगति खोजते-खोजते वह एक बड़े घोटाले तक पहुंच जाता है.
- कहानी में मोड़ तब आता है जब राधे को बैंक के सीईओ मिकी मेहता से टकराना पड़ता है, जिससे उसकी नौकरी और घर दोनों खतरे में पड़ जाते हैं.
- ठगे गए झुग्गीवासियों का सहयोग उसे लड़ाई जारी रखने का साहस देता है.
- यह कहानी एक आम आदमी और तंत्र के बीच संघर्ष को बखूबी उजागर करती है.
किरदारों की झलक:
कीर्ति कुल्हारी एक सख्त पुलिस अधिकारी की भूमिका निभा रही हैं, जिसका एक रोमांटिक पहलू भी दर्शकों को नजर आएगा. उनके अनुसार, उनके किरदार की मासूमियत और गंभीरता फिल्म का खास हिस्सा है.
संदेश जो दिल छू लेगा
फिल्म का मूल संदेश है कि प्यार और रिश्तों को कभी संख्याओं या लाभ-हानि के तराजू में नहीं तौला जा सकता. यह दर्शकों को बैंकिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता की जरूरत समझाते हुए अपने लेन-देन पर बारीकी से नजर रखने के लिए प्रेरित करती है.
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