उदित वाणी चांडिल: जहां एक और चुनावी सरगर्मी तेज है वहीं चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न प्रखंडों में हाथी का आतंक चरम सीमा पर है। एक तरफ झारखण्ड के लोग लोकतंत्र के महापर्व को लेकर उत्साहित है वहीं बता दें कि विगत कुछ महीनों से लगातार ईचागढ़ सहित चांडिल नीमडीह व कुकड़ू प्रखण्ड क्षेत्र में जंगली हाथियों का आतंक जारी रहने से उक्त क्षेत्र के लोग डरे सहमे हैं। इन दिनों चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के गांव मुहल्ले सहित खेत खलिहानों में छोटे बड़े जंगली हाथियों का विचरण आम बात हो गई है आए दिन लोगों का सामना हाथियों से होते दिख रहा है जिस कारण अब यहां के लोगों पर रोजी रोटी की संकट उत्पन्न हो गई है। बताया जाता है कि पहले हाथी केवल रात को ही अधिक विचरण किया करते थे लेकिन इन दिनों हाथी सुबह शाम दोपहर कभी गांव मुहल्ले में घुस रहा है। ताजा मामला शनिवार का है जब एक विशालकाय दंतेल जंगली हाथी लुपुंगडीह स्थित एनएच 32 पर टोल प्लाजा के समीप सड़क पार कर रहा था तब ग्रामीणों सहित राहगीरों में अफरा तफरी मच गई। कुछ लोग हाथी से अपने आपको बचाने के लिए सुरक्षित जगह तलाश रहे थे वहीं अधिकांश लोग उसे भगाने में मशगूल थे। कुछ देर के लिए उक्त सड़क पर वाहनों के पहिए थम गए। लोगों की सांस फूलने लगी थी क्योंकि दिन के उजाले में हाथियों का राष्ट्रीय राजमार्ग पर विचरण करना चांडिल क्षेत्र में आम बात हो गई है। यदि लोगों की माने तो वे हाथियों को क्षेत्र से भगाने के लिए कई बार वनविभाग के कार्यालय में माथा टेक चुके हैं लेकिन नतीज आज तक शून्य है। बता दें कि हाल ही में चांडिल के रसुनिया में अहले सुबह कंगलाटांड़ निवासी श्यामल मुर्मू (28) की हाथी के चपेट में आने से हो गई थी। ऐसे में क्षेत्र के लोगों को अपनी जान माल की चिंता खाए जा रही है।
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