चांडिल: पूर्व भाजपा विधायक अरविंद सिंह ने गुरुवार को ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। भाजपा छोड़ने के बाद सिंह ने चांडिल डैम रोड स्थित बी.एन पैलेस परिसर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अपनी मंशा जाहिर की और स्थानीयता के मुद्दे पर बेबाक बयान दिया। उन्होंने कहा कि वे साढ़े चार साल से लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं, 35 वर्षों से जनता के दुख-दर्द में शामिल रहे हैं। उन्होंने सवाल भी उठाया कि वे स्थानीय हें या हरे लाल महतो ?
स्थानीयता, विकास प्राथमिकता
सिंह ने स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता सिंचाई और किसानों की तीनों फसलों के लिए पानी उपलब्ध कराना है। बेरोजगारी और पर्यटन को बढ़ावा देना उनके एजेंडे में शामिल है। उन्होंने चांडिल डैम विस्थापितों की समस्याओं पर भी सरकार की विफलता पर कटाक्ष किया और कहा कि डैम अब “सफेद हाथी” साबित हो चुका है। विस्थापितों को उनका हक दिलाने का संकल्प जताते हुए सिंह ने कहा कि 50 साल बाद भी विस्थापितों को कोई लाभ नहीं मिला है।इस पर अबतक की सरकारें फेल है।
भाजपा पर किया तीखा प्रहार
सिंह ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी ने अब परिवारवाद को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है और राय शुमारी कर पूंजीपतियों के साथ गठजोड़ कर लिया है। उन्होंने कहा कि इस बार जनता उनके साथ है, और निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल करेंगे। सिंह ने 35 सालों तक क्षेत्र में की गई अपनी मेहनत को याद करते हुए कहा कि वह अपने कार्यकाल से संतुष्ट हैं और इस बार भी जनता का भरपूर समर्थन प्राप्त करेंगे।
अरविंद सिंह ने ईचागढ़ विधानसभा से तीन बार चुनाव जीतकर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। वर्ष 1995 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 35,746 वोटों से जीत दर्ज की, वर्ष 2000 में भाजपा के टिकट पर 37,505 वोटों से और 2009 जेवीएम से 45,465 वोटों से जीत दर्ज की। श्री सिंह के अनुसार, इस बार का चुनाव जातिगत राजनीति को करारा जवाब साबित होगा, और वे एक नए जोश के साथ मैदान में उतरेंगे। उनके साथ भाजपा छोड़ने वाले कई प्रमुख नेता, जिला कार्यकारिणी सदस्य दीपू जायसवाल और अरुण सिंह, ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
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