जमशेदपुरः एमजीएम अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता संघ के केंद्रीय महासचिव एवं आजसू पार्टी के जिला सचिव कृतिवास मंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत की है। उन्होंने कहा है कि कोल्हान क्षेत्र का सबसे बड़ा 560 बेड वाला सरकारी अस्पताल एमजीएम पिछले कुछ समय से डॉक्टरों और कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। इससे मरीजों को उपचार में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कहा कि हाल ही में, झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने अस्पताल का निरीक्षण किया और दावा किया कि अब डॉक्टरों की कमी नहीं है, क्योंकि बड़ी संख्या में नियुक्तियां की गई हैं। लेकिन हकीकत यह है कि कुल 309 स्वीकृत पदों में केवल 178 डॉक्टर कार्यरत हैं और 131 पद अभी भी खाली हैं।
उन्होंने कहा कि अस्पताल में कर्मचारियों की संख्या में भी लगातार कमी आ रही है। पिछले तीन वर्षों से यहां स्थायी ड्रेसिंग स्टाफ की कोई नियुक्ति नहीं की गई है, जिससे अप्रशिक्षित व्यक्तियों से ड्रेसिंग करवाई जा रही है, जो मरीजों के जीवन के लिए खतरा बन सकता है। इसके अलावा एक्स-रे विभाग में भी कोई स्थायी कर्मचारी नहीं है और यह विभाग आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा संचालित हो रहा है, जो नियमों के खिलाफ है।
आश्चर्यजनक है कि 270 स्थायी नर्सों के स्वीकृत पदों में से केवल 11 नर्सें ही कार्यरत हैं। कई विभागों में आउटसोर्स नर्सों को प्रभारी बना दिया गया है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। ओटी असिस्टेंट नहीं है और उसकी जगह आउटसोर्स कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है। डॉक्टरों की कमी की गंभीरता को देखते हुए, एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक को इस मामले की जांच और कार्रवाई के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है। कृतिवास मंडल ने अस्पताल प्रशासन से जनहित में अविलंब डॉक्टरों की नियुक्ति करने की गुजारिश की है, ताकि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिल सके।
विभिन्न विभाग में डॉक्टरों की कमी
प्रोफेसर – स्वीकृत पद 34, कार्यरत 24
एसीसोएट प्रोफेसर – स्वीकृत पद 40, कार्यरत 10
असिस्टेंट प्रोफेसर – स्वीकृत पद 72, कार्यरत 42
सीनियर रेजिडेंट – स्वीकृत पद 73, कार्यरत 48
जूनियर रेजिडेंट – स्वीकृत पद 90, कार्यरत 54
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