एनआईटी जमशेदपुर के नवनियुक्त बीओजी चेयरमैन ने भावी योजनाओं पर की चर्चा
उदित वाणी,जमशेदपुर: एनआईटी जमशेदपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) के नवनियुक्त चेयरमैन रिटायर्ड आईपीएस टी.कृष्णा प्रसाद ने कहा कि जमशेदपुर-आदित्यपुर को स्पेशल इकोनॉमिक जोन का दर्जा दिलाने की प्रबल संभावनाएं हैं। यहां 3 हजार से लेकर 5 हजार एकड़ के क्षेत्रफल में स्पेशल इकोनॉमिक जोन बनाया जा सकता है।
इसके लिए शहर में सभी संभावनाएं हैं। जमशेदपुर में एनआईटी, एक्सएलआरआई व एनएमएल जैसे अकादमिक संस्थान हैं तो टाटा स्टील-टाटा मोटर्स समेत आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया है। जमशेदपुर को स्पेशल इकोनॉमिक जोन बनाने के लिए यहां तीन मजबूत फैक्टर उपलब्ध हैं। ये तीन फैक्टर हैं, एकेडेमिया, इंडस्ट्री व झारखंड की युवा सरकार। इसे लेकर प्रोजेक्ट स्ट्रक्चरिंग कायदे से तैयार किया जाए तो इस इलाके को स्पेशल इकोनॉमिक जोन बनाया जा सकता है।
टी.कृष्णा प्रसाद 28 अगस्त को केंद्र सरकार की ओर से उन्हें बीओजी का चैयरमैन बनाने की अधिसूचना जारी किए जाने के बाद पहली बार बुधवार को एनआईटी जमशेदपुर पहुंचे थे। यहां उन्होंने एयरपोर्ट को लेकर भी बात की। कहा कि किसी भी शहर के लिए टेक्नो इकोनामिक फिजिब्लिटी रिपोर्ट बनाई जाती है, उसपर एयरपोर्ट की संभावना को तलाशा जाता है। इस रिपोर्ट के आधार पर एयरपोर्ट की संभावनाओं को आसान बनाया जा सकता है। संवाददाताओं से बातचीत करते हुए चेयरमैन ने कहा कि अगले पांच सालों में एनआईटी, जमशेदपुर अपनी रैंकिंग सुधारेगा। वर्तमान में एनआईआरएफ रैंकिंग में एनआईटी जमशेदपुर की देश के शीर्ष 100 इंजीनियरिंग कॉलेजों से बाहर है। चेयरमैन ने कहा कि रैकिंग सुधारने के लिए उसके लिए जो पैरामीटर है उस पर काम होगा। इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम किया जाएगा।
पीएचडी पर बीओजी चेयरमैन का पूरा जोर
लोकल इकोनॉमी को सुधारने में भी एनआईटी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस क्रम में उन्होंने एनआईटी के विकास के लिए कई प्रकार की रुपरेखा और योजना की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि रैंकिंग सुधारने के लिए महज बिल्डिंग के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ही नहीं संस्थान के आंतरिक शैक्षणिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान देना है कि कितने पीएचडी धारक शिक्षक हैं और किन विषयों के पीएचडी धारक हैं। इसमें कोई कमी है तो यह घबराने का विषय नहीं है बल्कि अवसर देकर समृद्ध होना है.उन्होंने आशा जताई कि एक्सएल आरआई, एनएमएल जैसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और टाटा समेत हजारों उद्योगों से घिरे एनआईटी के पास कोई वजह नहीं कि वह देश के टॉप एनआईटी में अपनी रैंकिंग बनाए। एनआईटी के चेयरमैन टी. कृष्णा प्रसाद ने कहा कि एनआईटी, जमशेदपुर स्थानीय इलाकों में अपने विजन से बदलाव ला सकता है। पीपीपी पार्टनरशिप में काम हो सकता है।
तेलंगाना के पूर्व डीजीपी हैं टी.कृष्णा प्रसाद
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सरकार और प्रशासन के प्रतिनिधि के रुप में टी.कृष्णा प्रसाद ने बड़े-बडे प्रोजेक्ट में कार्य किया है और इंफ्रास्ट्रक्चर बढाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने एनआईटी वारंगल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की और फिर आगे आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए किया। उसके बाद एडवर्टाइजिंग में काम किया, फिर पिता के याद दिलाने पर उन्होंने आईपीएस की तैयारी की और पहली ही बार में उत्तीर्ण कर लिया। वे 1986बैच के आईपीएस हैं। जमशेदपुर के पूर्व सांसद सह पूर्व एसपी डॉ. अजय कुमार उनके आईपीएस 86बैच के बैचमेट हैं। तेलंगाना के पूर्व डीजीपी टी.कृष्णा प्रसाद आंध्र कैडर के आईपीएस हैं जो पांच जिलों में बतौर एसपी और 8 जिलों में बतौर डी आईजी अपनी सेवा दे चुके हैं। 2012 में उनकी पहल पर ही आंध्रप्रदेश में ऑनलाइन एफआईआर की सुविधा शुरु हुई. वे सीआईडी में भी काम कर चुके हैं। सी आईडी में काम करने के दौरान उन्होंने देशव्यापी चर्चित केस- पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेस के पेपर लीक कांड का उद्भेदन किया था। उन्होंने प्रशासन और सरकार के विभिन्न विभागों में कार्य करने के दौरान राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर बढाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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