दो जेनेरिक पेपर की पढ़ाई कराने की जगह एक ही पेपर की पढ़ाई
अब नौकरे व उच्च शिक्षा के लिए प्रमाणपत्र पर उठाए जाने लगे सवाल
उदित वाणी,जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा की गलती का खामियाजा हजारों विद्यार्थियों को भुगतना पड़ेगा. विश्वविद्यालय की ओर से जारी उनकी डिग्री को अमान्य किया जा रहा है. विश्वविद्यालय की इस गलती के कारण कोई नौकरी पाने से वंचित रह सकता है तो किसी की नौकरी भी जा सकती है.
उपरोक्त विषय में सुधार मांग को लेकर मंगलवार को कोल्हान छात्रसंघ के प्रतिनिधिमंडल ने कोल्हान विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति मनोज कुमार से मुलाकात की. उन्होंने इस विषय पर जल्द समाधान निकालने की बात कही. चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम प्रणाली के तहत झारखंड बिहार राज्य में सर्वप्रथम आने वाला विश्वविद्यालय में कोल्हन विश्वविद्यालय भी सम्मिलित था. लेकिन विश्वविद्यालय ने विषय चयन में गलती कर दी. इस वजह से विद्यार्थियों को जहां दो जेनेरिक पेपर (जीई इलेक्टिव) की पढ़ाई करनी थी,
वहां सिर्फ एक ही विषय पढ़कर विद्यार्थियों को उत्तीर्ण होने का प्रमाणपत्र भी जारी कर दिया गया. कुलपति से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में कोल्हान विश्वविद्यालय छात्र संघ सचिव सुबोध महाकुड़, उपसचिव वीरेंद्र कुमार, अभिमन्यु राउत, राहुल कुमार, अजय होनहागा, सुरज ओझा एवं सैकड़ों छात्र मौजूद थे.
प्रतियोगिता परीक्षा फार्म भरने पर छात्रों को हुई गलती की जानकारी
कोल्हान विश्वविद्यालय छात्रसंघ सचिव सुबोध महाकुड़ ने कहा कि सत्र 2017-2020 , 2018-2021 एवं 2019-2022 से नई प्रणाली के तहत कोल्हान विश्वविद्यालय में स्नातक में नामांकन लिया गया था. यूजीसी नियम के तहत इन 3 सालों में दो जेनेरिक पेपर पढ़ना अनिवार्य था. भूलवश एक ही जेनेरिक पेपर के विषयों को चारों सेमेस्टर में पढ़ाया गया. विश्वविद्यालय को इस केस की जानकारी तब हुई जब विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षा में फॉर्म भरने से रोका गया और दो जेनेरिक पेपर नहीं होने के कारण फॉर्म भरने की पात्रता से वंचित किया गया.
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