उदित वाणी, जमशेदपुर: क्या आपने कभी सोचा है कि ओडिशा के जनजातीय समुदाय के युवक अपनी प्रेमिका को कैसे प्रपोज करते हैं?
इनके प्रपोज में न तो हवा में प्यार, आंखों में रोमांस, होठों पर मुस्कान और न ही गुलाब होता है बल्कि वे एक कंघी (वह भी बांस से बनी हुई) से अपनी प्रेमिका को प्रपोज करते हैं और उन्हें गिफ्ट करते हैं. ओडिशा की जुआंग जनजाति की यह परम्परा विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर दिखी. जुआंग लड़का इसे अपनी पसंद की लड़की को उपहार देता है. अगर लड़की इस उपहार को स्वीकार कर लेती है और इसे अपने बालों में लगा लेती है, तो उनके बीच ब्याह हो जाता है.
टाटा स्टील फाउंडेशन के सहयोग से टाटा स्टील माइनिंग द्वारा सुकिंदा क्रोमाइट खदान में आयोजित समारोह में यह झांकी दिखी. कंपनी ने पारंपरिक जनजातीय सांस्कृतिक विरासत के हार्दिक उत्सव में आदिवासी कलाकृतियों, स्वदेशी रसोई के बर्तनों, संगीत वाद्ययंत्रों, कृषि उपकरणों, पोशाक और आभूषणों पर प्रकाश डालते हुए एक मनोरम प्रदर्शनी का आयोजन किया था.
इस कार्यक्रम में हो, संथाल, मुंडा, भूमिज जैसे आदिवासी समुदायों और जुआंग और मैनकिडिया जैसे पीवीटीजी ने भाग लिया
और आगंतुकों को आकर्षक कहानियों से मंत्रमुग्ध कर दिया. जनजातीय लोगों के बारे में जानना अदभुत रहा-मंत्री इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाते हुए प्रीतिरंजन घराई, माननीय मंत्री, ग्रामीण विकास, कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा, ओडिशा सरकार ने प्रसन्नता व्यक्त कीऔर कहा कि इस विशेष अवसर पर यहां आना मेरे लिए खुशी की बात है और मैं आदिवासी विरासत के विभिन्न पहलुओं का जश्न मनाने के लिए इतना सुंदर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए टीम के सभी सदस्यों को धन्यवाद देता हूं.
अनुसूचित जाति एवंअनुसूचित जनजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के राज्य समन्वयक परमानंद पटेल ने एससी एवं एसटी समुदायों के अधिकारों पर प्रकाश डाला और समुदायों के लिए सरकार द्वारा लागू की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला. आदिवासी विरासत का जश्न टाटा स्टील माइनिंग के प्रबंध निदेशक पंकज सतीजा ने कहा कि हमने हमेशा विविध आदिवासी विरासत और संस्कृति की रक्षा करने और उसका जश्न मनाने और स्वदेशी जीवन शैली के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने का प्रयास किया है. यह आदिवासी और स्वदेशी भोजन, औषधीय प्रथाओं, संगीत, विरासत आदि को बढ़ावा देने की पहल की एक श्रृंखला का हिस्सा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि समृद्ध परंपरा भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित रहे. हम अपनी विभिन्न पहलों के माध्यम से आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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