उदित वाणी,जमशेदपुर : टाटा स्टील अपनी स्ट्रेटजिक प्लानिंग के तहत ऐसी कंपनियों को आपस में विलय करने जा रही है जो एक प्रकार के उत्पादों का निर्माण करती हैं. लांग प्रोडक्ट, फ्लैट प्रोडक्ट, डाउन स्ट्रीम, इंजीनियरिंग व सर्विसेज कंपनियों को आपस में मिलाकर एक कर रही है. इसी प्लानिंग के तहत टाटा स्टील में टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट (टीएसएलपी) और टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड का विलय होने जा रहा है.
यही नहीं टिनप्लेट कंपनी के अलावा टाटा मेटालिक्स, टीआरएफ, तार कंपनी, टाटा स्टील माइनिंग और एसएंडटी माइनिंग कंपनी को भी समायोजित किया जाना है. अब इसमें अंगुल एनर्जी को भी शामिल कर लिया गया है. टाटा स्टील के बोर्ड ने सितंबर 2022 में इन कंपनियों के विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. ..तो क्या अब एक यूनियन होगी सबसे बड़ा सवाल यह है कि टाटा स्टील में आधा दर्जन से ज्यादा कंपनियों के विलय के बाद क्या एक यूनियन होगी.
टाटा वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष और ट्रेड यूनियन के जानकार शहनवाज आलम बताते हैं कि यूनियन के अस्तित्व पर इस समायोजन या विलय का कोई असर नहीं होगा. टाटा स्टील एक अम्ब्रेला की तरह होगा, जिसके अंदर कई और कंपनियां होगी, जो यूनिट की तरह काम करेगी. हर यूनिट की अपनी यूनियन होगी. मसलन, टाटा स्टील में टिनप्लेट कंपनी के विलय के बाद भी टिनप्लेट में राकेश्वर पांडेय की यूनियन रहेगी. टिनप्लेट एक यूनिट की तरह काम करेगा. इस यूनिट का अपना चुनाव होगा.
टाटा वर्कर्स यूनियन जैसे पहले काम कर रही थी, वैसे ही काम करेगी. इन यूनियनों के बीच कोई टकराव नहीं होगा, क्योंकि सभी यूनियनों के सदस्य अलग-अलग होंगे. बकौल आलम, अभी भी टाटा स्टील में कई यूनियन एक साथ काम कर रही हैं. जमशेदपुर में अलग यूनियन है, जबकि माइंस एरिया में अलग यूनियनें हैं. हर यूनिट के उत्पादन और परफॉर्मेंस के आधार पर कर्मचारियों को लाभ मिलेगा.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।