उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटा कमिंस में लंबित ग्रेड को लेकर नौटंकी का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. गुरुवार सुबह प्रबंधन ने यूनियन के साथ बैठक की, जिसमें आखिरकार यूनियन चार साल के ग्रेड और 18 हजार रूपए (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष राशि की बढ़ोतरी) पर सहमत हो गई. मगर प्रबंधन ने कहा कि ग्रेड के साथ ही मार्च 2022 से लंबित एसोसिएट ग्रॉथ प्लान (एजीपी) का समझौता भी अभी ही होगा और उसका लाभ ग्रेड में की जा रही 18 हजार रूपए की बढ़ोतरी में शामिल होगा. इस पर यूनियन के कई पदाधिकारियों ने विरोध किया और ग्रेड समझौता करने पर राजी नहीं हुए. एजीपी, कंपनी की प्रमोशन स्कीम का हिस्सा है, जिसका समझौता अलग से होता है. यह समझौता पांच साल के लिए होता है, जिसकी मियाद पिछले साल मार्च माह में खत्म हो गई थी. काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे यूनियन नेता प्रबंधन और यूनियन के साथ हुई इस बैठक की जानकारी देने के लिए यूनियन ने शाम को कमेटी मेंबरों की बैठक बुलाई, जिसमें सहमति बनी कि यूनियन नेता अगले 15 दिन तक विरोध स्वरूप काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे. अगर इसके बावजूद भी प्रबंधन ने ग्रेड नहीं किया तो फिर भूख हड़ताल की जाएगी. उल्लेखनीय है कि एक अप्रैल 2022 से कंपनी का ग्रेड लंबित है. यूनियन की नई टीम एक साल से ग्रेड को लेकर वार्ता कर रही है, लेकिन कर्मचारियों का हक दिलाने में पूरी तरह से विफल रही है. इसके चलते इस यूनियन को लेकर कर्मचारियों में काफी रोष है. यूनियन की यह भी नौटंकी? कंपनी के कर्मचारियों ने बताया कि यूनियन की यह सब नौटंकी है. यूनियन को पहले से ही यह जानकारी थी कि प्रबंधन, ग्रेड में एजीपी को शामिल करने जा रहा है. लेकिन उसे कर्मचारियों को बताया नहीं गया. अब जब ग्रेड करने की बात हो रही है तो इसके नाम पर विरोध का नाटक किया जा रहा है. कई कर्मचारियों ने कहा कि यूनियन का विरोध पहले की तरह टांय-टांय फिस्स हो जाएगा.
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