– झारखंड सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विशेष रियायत अधिनियम 2023 का मसौदा तैयार किया
उदित वाणी, रांची : झारखंड में समावेशी आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने झारखंड सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विशेष रियायत अधिनियम 2023 का मसौदा तैयार किया है. इस मसौदे पर अभी विशेषज्ञों और शेयरधारकों की राय ली जा रही है.
हाल ही में नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया था कि राज्य में जल्द ही झारखंड सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विशेष रियायत अधिनियम 2023 को लागू किया जाएगा ताकि लघु और मध्यम उद्योगों का विकास हो सके. MSME सेक्टर में स्थायी पूंजी पर देय पूंजीगत सब्सिडी को 25 फीसदी से बढ़ाकर अधिकतम 40 फीसदी तक किया जा रहा है. इस अधिनियम का मकसद राज्य के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को मजबूती प्रदान करना है. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की स्थापना और संचालन के लिए आवश्यक कुछ अनुमोदनों और निरीक्षणों से छूट देना समीचीन है. झारखंड में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की स्थापना और संचालन और उससे जुड़े या उसके प्रासंगिक मामलों के लिए कुछ अनुमोदन और निरीक्षण से छूट प्रदान करने का प्रावधान है.
इस अधिनियम की मुख्य बातें
1.इस अधिनियम को झारखंड सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विशेष रियायत अधिनियम 2023 के नाम से जाना जाएगा
2.इसका विस्तार पूरे झारखंड राज्य में होगा
3.यह झारखंड सरकार के राजपत्र में प्रकाशित होने की तिथि से लागू होगा
4.सरकार या उसके अधीन किसी प्राधिकारी को किसी केंद्रीय अधिनियम के तहत किसी भी उद्यम को किसी अनुमोदन या निरीक्षण या उसके संबंध में किसी प्रावधान से छूट देने का अधिकार है.
5.ऐसे केंद्रीय अधिनियम के तहत पावती प्रमाण पत्र जारी होने की तारीख से कम से कम तीन साल की अवधि के लिए राज्य में स्थापित झारखंड सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विशेष रियायत अधिनियम, 2023 उद्यम को ऐसी छूट देने के लिए ऐसी शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं.
6.सद्भावना से की गई कार्रवाई का संरक्षण इस अधिनियम के तहत सद्भावनापूर्वक की गई या की जाने वाली किसी भी बात के लिए सरकार या सरकार की नोडल एजेंसी के कर्मचारी, नोडल एजेंसी या किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई मुकदमा, अभियोजन या अन्य कानूनी कार्यवाही नहीं की जाएगी.
7. इस अधिनियम में निहित किसी भी चीज़ को किसी भी उद्यम को उस समय लागू किसी भी कानून के प्रावधानों या उसके तहत निर्दिष्ट किसी भी नियामक उपायों और मानकों के आवेदन से छूट देने के रूप में नहीं माना जाएगा.
8. अनुसूची में संशोधन करने की शक्ति राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा, अनुसूची की किसी भी प्रविष्टि को जोड़ या हटा सकती है, या अन्यथा अनुसूची में संशोधन कर सकती है, और उसके बाद अनुसूची को संशोधित माना जाएगा.
9. पावती प्रमाणपत्र शर्तों के तहत रद्द किया जा सकता है. अगर इरादे की घोषणा में जानबूझकर गलत जानकारी प्रस्तुत की गई है. अधिनियम और नियमों के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन किया गया है.
10. यदि उद्यम आशय की घोषणा में उल्लिखित विनिर्माण या सेवा गतिविधि का स्थान बदलता है या यदि विलय या विभाजन या पृथक्करण या अधिग्रहण या समामेलन के कारण उद्यम का अस्तित्व समाप्त हो जाता है, तो प्रमाण पत्र रद्द किया जा सकता है.
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