उदित वाणी जमशेदपुर: टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) जमशेदपुर के मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ.संजय अग्रवाल के लिए शुक्रवार 13 मई का दिन काफी इमोशनल रहा. टीएमएच में उनके कार्यकाल का आज अंतिम दिन था. लगभग 11 साल से काम कर रहे डॉ.अग्रवाल ने तीन माह पहले इस्तीफा दे दिया था. डॉ.अग्रवाल को इंग्लैंड के प्रतिष्ठित हॉस्पिटल एनएचएस ने अपने यहां काम करने का मौका दिया है. डॉ.अग्रवाल ने बताया कि वे 14 मई को कोलकाता से इंग्लैंड के लिए रवाना होंगे. बकौल अग्रवाल, मेरे लिए शहर छोड़ना आसान नहीं है. मैं इसी शहर में पला-पढ़ा और काम किया. ऐसे में जमशेदपुर के साथ एक विशेष लगाव हो गया है. टीएमएच में 11 साल काम किया. काफी अच्छा अनुभव रहा. कभी सोचा नहीं था कि बाहर जाऊंगा, लेकिन जब अवसर मिला तो उसे स्वीकार किया. अब जब जिंदगी की जिम्मेवारियां थोड़ी कम हो गई है तो बाहर जाने का फैसला लेना आसान रहा. उम्मीद है कि इंग्लैंड में काम करने का अनुभव अच्छा रहेगा. डॉ.अग्रवाल ने कहा कि जमशेदपुर से नाता हमेशा बना रहेगा. जमशेदपुर आना-जाना रहेगा.
विद्यार्थियों के लिए पुस्तक लिखने का सपना
डॉ.संजय अग्रवाल ने बताया कि कई सालों से मेरा सपना है कि विद्यार्थियों के लिए कोई किताब लिखूं, लेकिन व्यस्तता की वजह से किताब नहीं लिख पाया. भारतीय समाज में विद्यार्थियों को जिस तरह के तनाव और अवसाद से गुजरना होता है, वह काफी पीड़ादायक होता है. इस बारे में समाज या पैरेन्ट्स में उतनी जागरूकता नहीं है. जमशेदपुर में काम करने के दौरान भी मैंने तीस हजार से ज्यादा विद्यार्थियों की काउंसलिंग की है. इस काउंसलिंग का निष्कर्ष यही रहा है कि हमारे समाज में बच्चों पर पढ़ाई का बेवजह दबाव है. इस समस्या को एड्रेस करना जरूरी है. मेरी पुस्तक इसी समस्या के आसपास की थीम पर होगी. इंग्लैंड में मरीज का दबाव कम रहता है. ऐसे में वहां पढ़ने-लिखने का काफी समय मिलेगा.
किताबें छोड़कर जाना काफी खटक रहा है
डॉ.संजय अग्रवाल ने बताया कि वे किताबों को काफी पढ़ते हैं. बकौल डॉ.अग्रवाल, मेरे पास किताबों का काफी अच्छा कलेक्शंस हैं. इन किताबों से अलग होना काफी पीणादायक है. मैंने इसे कार्टून में बांध कर रख दिया है. अभी बाहर किताबें ले जाना काफी महंगा पड़ रहा है. जब शिपिंग चार्ज कम होगा, तो इन किताबों को फिर इंग्लैंड ले जाऊंगा.
रिम्स से एमबीबीएस की पढ़ाई
डॉ.संजय अग्रवाल ने राजेन्द्र इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) रांची से एमबीबीएस की पढ़ाई की है. इसके बाद सेंट्रल इन्स्टीट्यूट ऑफ साइकेट्री (सीआईपी) रांची से एमडी किया और वहीं से करिअर की शुरूआत की. तीन साल तक सीआईपी में रहने के बाद टाटा मोटर्स हॉस्पिटल जमशेदपुर ज्वाइन किया. 7 साल तक टाटा मोटर्स हॉस्पिटल में काम करने के बाद डॉ.संजय अग्रवाल ने टीएमएच ज्वाइन किया, जहां वे पिछले 11 साल काम किए.
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