उदित वाणी, जमशेदपुर: वर्तमान में निजी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत अभिवंचित वर्ग के बच्चों के लिए आठवीं तक की पढ़ाई नि:शुल्क है। नई शिक्षा नीति में इस वर्ग के बच्चों को 12वीं तक नि:शुल्क शिक्षा देने का प्रावधान है,
लेकिन शहर के निजी स्कूलों में इसे अबतक लागू नहीं किया गया। इसलिए इस नियम को लागू कराने की मांग को लेकर स्कूली बच्चों के अभिभावक गुरुवार को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय अनशन पर बैठे।
जमशेदपुर अभिभावक संघ के बैनर तले अनशन करने पहुंचे अभिभावकों ने इस दौरान मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन उपायुक्त कार्यालय में सौंपा। इस ज्ञापन में नई शिक्षा नीति के प्रावधानों को पूरी तरह पूरे राज्य में लागू करने की मांग की गयी है।
अनशन कर रहे अभिभावकों का नेतृत्व कर रहे संघ के अध्यक्ष डॉ उमेश कुमार ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के प्रावधान के तहत अभिवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को झारखंड राज्य के निजी की स्कूलों में नामांकन प्राप्त बच्चों को कक्षा 8वीं तक नि: शुल्क शिक्षा पाने का अधिकार प्राप्त है, लेकिन कक्षा आठवीं पास करने के उपरांत कक्षा नौवीं में इन बच्चों से संबंधित स्कूल स्कूल फीस की मांग कर रहे हैं।
आठवीं कक्षा पास कर नौवीं में प्रमोट हो चुके अभिवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के अभिभावकों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे फीस दे सकें। ऐसे में पैसे आभाव में इन बच्चों की शिक्षा अधर में लटकती हुई नजर आ रही है।
डॉ उमेश कुमार ने कहा कि नयी शिक्षा नीति 2020 को भारत सरकार ने पूरे देश में लागू कर दिया है पर इस कानून का लाभ झारखंड राज्य में बच्चों को मिलता नजर नहीं आ रहा है। कहा कि उक्त कानून की कंडिका 8-8 के प्रावधान में अभिवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को कक्षा 12वीं तक नि:शुल्क शिक्षा पाने का अधिकार दिया गया है।
संघ की मुख्यमंत्री से मांग है कि नयी शिक्षा नीति-2020 को झारखंड राज्य में पूर्णतः लागू करने का आदेश दिया जाये, ताकि उक्त कानून का लाभ अभिवंचित वर्ग के बच्चे ले सकें। अभिवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चे नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर निर्बाध रूप 12 वीं तक अपनी शिक्षा पूरी कर सकें।
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।