उदित वाणी, जमशेदपुर: झारखंड के 405 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में एनसीसी की ट्रेनिंग होगी. पहले चरण में इस साल नए शैक्षणिक सत्र से शुरू हो रहे जिलास्तरीय 80 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में छात्र-छात्राओं के लिए एनसीसी की ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाएगी. अगले चरण में प्रखंड स्तर पर खुलने वाले 325 स्कूलों में यह व्यवस्था होगी. इसके लिए स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने एनसीसी निदेशालय को प्रस्ताव दिया है. इसके अलावा प्रमंडल के एक स्कूल में होने वाले राइफल शूटिंग रेंज का दायरा भी बढ़ा दिया गया है. अब हर जिले के एक स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में राइफल और पिस्टल शूटिंग रेंज की व्यवस्था होगी. शिक्षा विभाग ने राइफल शूटिंग एसोसिएशन से इसके खर्च का ब्योरा मांगा है. जुलाई से शुरू होने वाले नए शैक्षणिक सत्र से झारखंड में 80 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत हो रही है. इसमें हर जिले से तीन-तीन स्कूल और पांचों प्रमंडलों से एक-एक अतिरिक्त स्कूल समेत कुल 80 स्कूलों में पूरे संसाधनो के साथ पढ़ाई की व्यवस्था होगी. इसमें नामांकित बच्चों के लिए हर विषयों के लिए योग्य शिक्षक रहेंगे और नियमित रूप से क्लास चलेंगी. पढ़ाई के साथ-साथ खेल और अन्य कौशल के लिए भी स्कूलों में व्यवस्था रहेगी. इसकी कड़ी में एनसीसी और राइफल-पिस्टल शूटिंग रेंज की व्यवस्था की जा रही है. बच्चों को पांचवीं के बाद से ही एनसीसी की ट्रेनिंग दी जा सकेगी. शिक्षा विभाग ने एनसीसी से बच्चों के हित में इसकी व्यवस्था करने की अपील की है. वहीं, दो महीने में इसकी व्यवस्था करने का आग्रह किया है, ताकि स्कूल के संचालन के साथ इसकी भी शुरुआत की जा सके.
शूटिंग के लिए बनाए जाएंगे पांच-पांच ट्रैक
राइफल शूटिंग और पिस्टल शूटिंग के लिए स्कूलों में पांच-पांच ट्रैक बनेंगे. एक बार में पांच-पांच बच्चे इसमें निशाना साध सकेंगे और अभ्यास कर सकेंगे. पांचों प्रमंडलों के एक-एक उत्कृष्ट विद्यालयों में शूटिंग रेंज की स्थापना करनी थी, लेकिन राइफल शूटिंग एसोसिएशन के अधिकारियों के साथ शिक्षा विभाग की बैठक के बाद हर जिले एक स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में इसकी व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया है. इसमें राइफल के साथ-साथ पिस्टल शूटिंग का भी ट्रैक बनेगा. शिक्षा विभाग ने राइफल शूटिंग एसोसिएशन से इसके खर्च का आकलन कर प्रस्ताव देने को कहा है. एक स्कूल में कितना खर्च आएगा इसकी जानकारी देने को कहा गया है. शूटिंग रेंज के लिए हर स्कूलों में एक-एक कोच भी होंगे. इसकी भी व्यवस्था एसोसिएशन को करनी होगी. इनका भुगतान शिक्षा विभाग कर सकेगा.
क्षेत्र के अनुसार खेल की भी व्यवस्था
झारखंड में ऑर्चरी के ट्रेनिंग सेंटर चल रहे हैं. स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में क्षेत्र के अनुसार खेल की भी व्यवस्था होगी. जिन इलाकों से हॉकी-फुटबॉल के बेहतर खिलाड़ी निकलते रहे हैं, वैसे जिले के स्कूलों में इसे बढ़ावा दिया जाएगा. झारखंड सरकार स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद की भी पर्याप्त व्यवस्था करना चाह रही है, ताकि बच्चों का सर्वांगिण विकास हो सके. सरकार की योजना यह है कि स्कूल से निकलने के बाद बच्चे पढ़ाई के अलावा किसी एक खेल में दक्ष होकर निकले और भविष्य में उसकी तैयारी कर कैरियर के रूप में भी अपनाएं.
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