उदित वाणी, जमशेदपुर: भले ही जमशेदपुर में नए कोरोना के केस नहीं मिल रहे हों, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोविड का असर खत्म हो गया है. जी नहीं फिलहाल उसका असर खत्म नहीं हुआ है. झारखंड की राजधानी रांची के रिम्स में एक नया केस सामने आने के बाद हमें सतर्क रहने की जरुरत है. कोविड वैक्सीनेशन के बाद आमजन बेपरवाह होकर सड़कों व सार्वजनिक स्थानों पर बिना मास्क लगाए घूमते नजर आ रहे हैं. यह स्थिति किसी भी विकराल रुप ले सकती है. हालांकि समय समय पर जिला प्रशासन द्वारा कोविड गाइडलाइन के अनुपालन को ले निर्देश भी जारी किया जाता है. लेकिन इसके बाद भी अमूमन सभी सार्वजनिक स्थानों पर लोग बेपरवाह ही हैं. यही हाल स्कूल व कालेजों का भी है. पड़ताल के बाद पता चला कि जहां अधिकांश स्कूलों में कोविड का पालन नहीं किया जा रहा है तो वहीं स्कूल प्रबंधनों ने कहा कि सभी बच्चों को मास्क पहनकर स्कूल आने का दिशा निर्देश दिया गया है. हालांकि छुट्टी के बाद स्कूली बच्चे सख्ती के इत्तेफाक न रखते हुए बिना मास्क मस्ती करते दिखे. जमशेदपुर में बुधवार को सिर्फ दो एक्टिव की बचे हैं, लेकिन अब भी सतर्कता उतनी ही जरूरी है. डराने वाली बात यह है कि झारखंड में काफी दिनों के ब्रेक के बाद एक बार फिर से कोरोना से एक मरीज की मौत हो गयी है. झारखंड के कोडरमा जिले में यह मौत हुई है. 50 साल की महिला की मौत हुई है. इस मौके पर नोडल पदाधिकारी डॉ शरद कुमार ने बताया कि उक्त महिला को पिछले एक माह से बुखार था. उनका इलाज किसी निजी अस्पताल में चल रहा था. इसके बाद स्थिति गंभीर होन के बाद उनके परिजन उनका इलाज कराने के लिए सदर अस्पताल ले गये, जहां महिला के पेट और गले में काफी दर्द थी जबकि सांस लेने में दिक्कत हुई थी और बुखार भी था. उक्त महिला को डीसीएचसी में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. महिला का ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो चुका है. काफी प्रयास किया गया. कोरोना का संदिग्ध मरीज मानते हुए ट्रूनेट मशीन से जांच की गयी थी, जिसमें वह कोरोना पोजिटिव पायी गयी. इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गयी.
इधर टोमैटो फीवर को लेकर सतर्कता की बढ़ी जरूरत
कोरोना वायरस की चौथी लहर के बीच बच्चों को निशाना बनाने वाला टोमैटो फीवर आ गया है. केरल में ‘टमाटर फ्लू’ या ‘टमाटर बुखार’ के 82 मामले दर्ज किए हैं. यह बीमारी पांच साल से कम उम्र के बच्चों को होती है. पहले से ही परेशान अभिभावकों के लिए बुरी खबर है. कोरोना के नए-नए वेरिएंट के खतरे के बीच केरल ने ‘टमाटर फ्लू’ या ‘टमाटर बुखार’ के 82 मामले दर्ज किए हैं. हालांकि, झारखंड या देश के दूसरे राज्यों में अभी टमाटर फीवर के मरीजों की पुष्टि नहीं हुई है.केरल में स्वास्थ्य विभाग स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है. क्योंकि यह बीमारी पांच साल से कम उम्र के बच्चों को अधिक प्रभावित करती है. केरल सरकार की रिपोर्ट के अनुसार उपरोक्त पुष्टि किए गए मामले सरकारी अस्पतालों से रिपोर्ट किए गए हैं और निजी अस्पतालों में पंजीकृत संक्रमणों को ध्यान में नहीं रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग ने नेदुवथुर, आंचल और आर्यनकावु क्षेत्रों में निवारक उपाय किए हैं जहां टोमैटो फीवर के मामले सामने आए हैं.
टमाटर बुखार क्या है
टमाटर बुखार एक अज्ञात बुखार है जो ज्यादातर केरल में पाया जाता है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह बीमारी वायरल बुखार है या चिकनगुनिया या डेंगू बुखार का परिणाम है. इस संक्रमण से कोल्लम, नेदुवथुर, आंचल और आर्यनकावु प्रभावित हुए हैं. निवारक उपाय के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया गया है. जबकि अधिकारियों ने गांवों में जागरूकता अभियान शुरू किया है.
टमाटर बुखार के लक्षण
तेज बुखार
शरीर में दर्द
जोड़ों में सूजन
थकान
टमाटर के आकार के चकत्ते
मुंह में जलन
हाथों का रंग फीका पडऩा
घुटनों का रंग फीका पडऩा
नितंबों का रंग फीका पडऩा
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