उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटानागर रेलवे स्टेशन में यात्रियों की सुविधा को लेकर इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आइरसीटीसी) द्वारा संचालित वाटर वेंडिंग मशीन स्थापित की गई थी. इसमें यात्रियों को खुला व ठंडा पानी पांच तीन से पांच रुपये प्रति बोतल मिलता था, जो 15 से 20 रुपये में बिकनेवाले सीलबंद बोतल पानी से काफी किफायती था, लेकिन इस गर्मी में यात्रियों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पायेगा. आइरसीटीसी ने इस योजना को बंद कर दिया है, जिस कारण पिछले एक माह से वाटर वेंडिंग मशीन बंद पड़ गई थी. इन मशीनों को हटाने का कार्य वाणिज्य विभाग द्वारा किया जा रहा है. प्लेटफॉर्म नंबर एक में और पार्सल गेट के पास से वाटर वेंडिंग मशीन हटाने में दिन भर लग गया. पांचो प्लेटफॉर्म में ऐसी कुल 8 मशीनें लगी हुई हैं. सबको हटाया जाना है. उसके बाद टेंडर होने पर इस सुविधा को चालू किया जायेगा. तब तक सीलबंद बोतल पानी से ही यात्रियों को काम चलाना पड़ेगा.
टिकट केंद्र का लिंक हो जा रहा फेल, यात्री परेशान
टाटानगर रेलवे स्टेशन के बर्मामाइंस एवं पुराने काउंटर का लिंक बुधवार दूसरे दिन भी करीब एक घंटे तक फेल रहा. दिन में 11.20 बजे से दोपहर में 12.15 तक रेलवे का लिंक फेल होने से काउंटर में रिजर्व व अनरिजर्व टिकट की बिक्री ठप हो गई. इससे दोनों तरफ के टिकट काउंटर में सैकड़ों यात्री परेशान हुए. सूचना पाकर वाणिज्य विभाग के पदाधिकारी हरकत में आए. गार्डनरीच मुख्यालय से संपर्क किया गया, जिसके बाद लिंक को ठीक कर दिया गया और टिकट की बुकिंग शुरू हो गई. जानकारी के अनुसार पुराने आरक्षण केंद्र से बर्मामाइंस में सिस्टम लगाने के दौरान किसी गड़बड़ी के कारण लगातार टिकट केंद्र का लिंक फेल हो रहा है. इस खामी को दूर करने के लिए विशेषज्ञ लगे हुए हैं. मालूम हो की मंगलवार शाम भी लिंक फेल होने से टिकट का कार्य प्रभावित हुआ था.
टाटानगर रेलवे स्टेशन पार्किंग हुआ डिजिटलाइज्ड
#इन गेट से लीजिए बार कोड, मिडिल व आउट गेट पर दीजिए चार्ज
#सीसीटीवी कैमरे से निगरानी, नो-पार्किंग की सुधरेगी व्यवस्था
कोरोना के कारण पिछले 25 माह से टाटानगर रेलवे स्टेशन पार्किंग में चरमराई व्यवस्था को अब धीरे-धीरे पटरी पर लाने की कवायद शुरु कर दी गई है. इसे लेकर मंगलवार को रेलवे पार्किंग ठेकेदार राजेश कुमार व रेल प्रशासन के बीच घंटो मैराथन बैठक हुई, जिसमें अव्यवस्था को दूर करने को लेकर सभी की जवाबदेही तय की गई. ठेकेदार ने रेलवे के अधिकारियों को बताया कि पार्किंग को पूरी तरह डिजिटलाइज्ड कर दिया गया है. यात्रियों की किसी तरह की परेशानी न हो इसका पूरा ख्याल रखकर व्यवस्थ बनाई जा रही है. इन गेट में वाहनों को प्रवेश के साथ कंप्यूटराइज्ड बार कोड दिया जा रहा है, ताकि जाम की नौबत मेन गेट पर नहीं आए. दो पहिया वाहनों से मिडिल और चार पहिया व ऑटो वालों से आउट गेट पर चार्ज वसूला जा रहा है. कंप्यूटरीकृत व्यवस्था होने के कारण अवैध चार्ज की कोई शिकायत नहीं आएगी. इसके अलावा सुरक्षा के मद्देनजर 18 आधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. जिसमें गाड़ी का नंबर व मालिक का फोटो का फुटेज एक माह तक सुरक्षित रहेगी.
ड्राप लाइन पर भी लगाया जाएगा बूम, ड्राइंग भेजा गया
बैठक में ड्राप लाइन, आउट गेट पर वाहनों का जाम लगने का मुद्दा भी उठा. साथ ही यहां पूर्व से लगाई गई छतरी से ड्राप लाइन में पार्किंग चार्ज वसूले जाने की बात हुई. ठेकेदार ने साफ कहा कि यह छतरी पूर्व से लगी हुई है. रही बात जाम की तो कोरोना काल में 25 माह से यह अव्यवस्था बनी हुई है, इसे जल्द ही पटरी पर ले आया जाएगा. ठेकेदार ने यह भी बताया कि ड्राप लाइन में भी बूम लगाने के लिए मंडल मुख्यालय को ड्राइंग भेजी गई है. उसका एप्रूवल आते ही इस पर काम शुरु कर दिया जाएगा, खुद व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी.
स्टील व प्रमुख ट्रेनों के आने पर सडक़ पर लग जाता जाम
इस दौरान स्टील समेत प्रमुख ट्रेनों के आने पर स्टेशन मेन रोड तक वाहनों की लंबी कतार के साथ जाम लगने पर भी बैठक में चर्चा हुई. बैठक में आरपीएफ को कार्रवाई किए जाने को लेकर दिशा निर्देश दिए गए. पार्किंग कर्मचारियों का ड्रेस कोड भी बैठक में प्रमुख मुद्दा रहा. बैठक की अध्यक्षता क्षेत्रीय प्रबंधक बिनोद कुमार ने की. इसमें स्टेशन डायरेक्टर रघुवंश कुमार, स्टेशन प्रबंधक ओपी शर्मा, मुख्य वाणिज्य निरीक्षक अंजनी कुमार राय, आरपीएफ थानेदार एसके तिवारी समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
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