उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा आयोजित जोहार हाट के चौथे संस्करण में शनिवार को अच्छी खासी भीड़ दिखी. कदमा के प्रकृति विहार में चल रहा यह हाट 21 अप्रैल तक चलेगा.
इस महीने के जोहार हाट में भारत के 5 राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले 6 से अधिक जनजातीय समूहों की भागीदारी दिख रही है. जोहार हाट के इस संस्करण की थीम “कलर्स ऑफ जात्रा” (जात्रा के रंग) हैं, जो झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की उरांव जात्राओं से प्रेरित है. आगंतुक इस थीम को प्रदर्शनी की साज-सज्जा के साथ-साथ विभिन्न उत्पादों, व्यंजनों और प्रस्तुतियों के माध्यम से अनुभव कर सकेंगे.
जनजातीय कला और शिल्प की झांकी
जोहार हाट की अवधारणा हर महीने एक सप्ताह लंबी प्रदर्शनी के माध्यम से पूरे भारत में जनजातियों की कला, शिल्प, व्यंजन और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए एक समर्पित स्थान बनाने के लिए की गई थी.
हाट के इस संस्करण में भारत भर के लम्बाडी, मुंडा, बोडो, संथाल, प्रधान गोंड और कोया जैसे विभिन्न जनजातीय समूहों द्वारा 8 विभिन्न स्टालों की मेजबानी की जा रही है. हाट में पूरे सप्ताह आभूषण निर्माण, जूट शिल्प और जनजातीय व्यंजनों पर कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी.
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