उदित वाणी, जमशेदपुर : बोड़ाम में जिस जगह का चयन डिग्री कॉलेज भवन बनाने के लिए किया गया था, वह जगह मुख्य सड़क से 70 फीट ऊंची पहाड़ी के टीले पर स्थित है। अंचल कर्मचारी की गलती के कारण जांच करने गई कोल्हान विश्वविद्यालय की कमेटी ने चिह्नित जमीन की जगह उसके बगल वाली जमीन का मुआयना किया था।
दोबारा जांच करने पहुंची टीम को पहाड़ी के टीले वाली जमीन दिखाई गई। जांच दल ने पहाड़ी जमीन को कॉलेज भवन निर्माण के लिए उचित नहीं मानते हुए खारिज कर दिया। अब बोड़ाम में डिग्री कॉलेज स्थापित करने के लिए फिर से जमीन खोजनी पड़ेगी। इधर, केयू के जांच दल द्वारा चिह्नित जमीन को खारिज करने के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि जांच दल पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। विधायक मंगल कालिंदी ने जांच दल व केयू की मंशा पर सवाल उठाया है। कालिंदी के मुताबिक, डिग्री कॉलेज बोड़ाम में उसी जमीन पर बनेगा। बता दें कि कॉलेज निर्माण की स्वीकृति के लिए विधायक मंगल कालिंदी ने ही पहल की थी।
2021 में इसी जमीन के लिए सौंपी गई थी रिपोर्ट
डिग्री कॉलेज की उपयुक्तता जांच के लिए बनी कमेटी में शामिल को-ऑपरेटिव कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अमर सिंह, वर्कर्स कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सत्यप्रिय महालिक व केयू शाखा कार्यालय के ब्रांच को-ऑर्डिनेटर डॉ. रवींद्र कुमार चौधरी ने 21 दिसंबर 2021 को पहली रिपोर्ट विवि को सौंपी थी। निरीक्षण के आधार पर उस समय उक्त जमीन को उपयुक्त बताया गया था।
एप्रोच रोड के निरीक्षण के लिए दोबारा बनी कमेटी
1 दिसंबर 2022 को विवि ने पुन: उक्त जमीन के एप्रोच रोड को लेकर निरीक्षण कर प्रतिवेदन समर्पित करने का आदेश दिया। फिर से कमेटी गठित की गई। कमेटी में डॉ. अमर सिंह (को-ऑपरेटिव के प्राचार्य) व कोल्हान विवि के महाविद्यालय विकास परिषद के समन्वयक डॉ. मनोज कुमार महापात्रा को शामिल किया गया। एप्रोच रोड के लिए जमीन के निरीक्षण में कमेटी ने रिपोर्ट सौंपी। इसमें कहा गया कि अंचल कर्मचारी ने पिछले निरीक्षण में जो जमीन दिखाई थी, वह गलत थी। महाविद्यालय स्थापना के लिए जो जमीन चिह्नित की गई है, वह सड़क से 70 फीट की ऊंचाई पर स्थित पथरीला पहाड़ी टीले पर है, जिसपर कॉलेज नहीं बन सकता।
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