उदित वाणी, जमशेदपुर : टाटा स्टील के एलायंस एंड वेंचर्स डिवीजन द्वारा एक नए फसल पोषक उत्पाद धुर्वी गोल्ड की उत्पादन सुविधा का उद्घाटन मंगलवार को टाटा स्टील के वीपी (टेक्नोलॉजी एंड न्यू मेटेरियल्स बिजनेस) देवाशीष भट्टाचार्जी ने पासा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अजय कुमार अग्रवाल के साथ संयुक्त रूप से किया. इसकी उत्पादन क्षमता 25,000 टन प्रति वर्ष होगी. इसका व्यावसायिक उत्पादन जल्द शुरू होगा. संयंत्र की स्थापना एक बाहरी प्रसंस्करण एजेंट (ईपीए) के रूप में वर्धन रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा टाटा स्टील से मिली तकनीकी सहायता के साथ की गई है. वर्धन रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड, पासा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सहायक कंपनी है.
स्लैग से बनेगा यह खाद
टाटा स्टील ने बीओएफ स्लैग का उपयोग करके सल्फर से भरपूर पोषक तत्वों के सप्लीमेंट ब्रांडेड “धुर्वी गोल्ड” के निर्माण के लिए एक पेटेंट सस्टेनेबल अपशिष्ट प्रबंधन तकनीक विकसित की है. उत्पाद का मिट्टी की भौतिक-रासायनिक विशेषताओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिसके परिणामस्वरूप फसलों में अच्छी वृद्धि, गुणवत्ता और आर्थिक लाभ होता है. उत्पाद में प्राथमिक उर्वरकों के उपयोग को 50 प्रतिशत तक कम करने की क्षमता है, जैसा कि सरकारी अधिकारियों द्वारा किए गए अध्ययनों से संकेत मिलता है.
झारखंड समेत आसपास के राज्यों में बेचा जाएगा
यह उत्पाद वर्तमान में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और महाराष्ट्र राज्यों में बेचा जाएगा. यह उत्पाद किसानों को उनकी कृषि उत्पादकता बढ़ाने में सक्षम बनाता है और मिट्टी को आयरन, सिलिकॉन, कैल्शियम, सल्फर, बोरॉन, मैग्नीशियम, मोलिब्डेनम आदि जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भी समृद्ध करता है.
बीमारियों को रोकने में सहायक
धुर्वी गोल्ड के प्रयोग से फसलों में बीमारियों को रोकने में मदद मिलती है तथा पौधों में क्लोरोफिल की मात्रा बढ़ती है. यह मिट्टी को सिलिकॉन प्रदान करता है, मिट्टी का पीएच 7 तक बनाए रखने के अलावा फसलों की उपज 15 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक बढ़ती है.
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