उदित वाणी, जमशेदपुर : टाटा स्टील फाउंडेशन (TSF), कोल्हान के दुर्गम गांव में रहने वाले लोगों की आंखों की रौशनी लौटा रहा है. अंधेपन के शिकार इन लोगों को मोतियाबिंद की शिविर आयोजित की जा रही है.
मोतियाबिंद, अंधेपन के प्रमुख कारणों में से एक है. गरीबी के चलते अधिकतर लोग अपना इलाज नहीं करा पाते. नीति आयोग के एक अध्ययन के अनुसार जिले का डुमरिया ब्लॉक, पूर्वी सिंहभूम के गरीब ब्लॉकों में से एक है, जिसकी 53 फीसदी आबादी खेतिहर मजदूर है. प्रखंड को मोतियाबिंद से मुक्त करने के उद्देश्य से टीएसएफ, डुमरिया ब्लॉक में काम कर रहा है.
टीएसएफ ने दिसंबर 2022 माह तक 250 से अधिक मरीजों का ऑपरेशन किया है.शिविर के निर्धारित दिन पर, टीएसएफ टीम कार्यक्रम स्थल का दौरा करती है और प्रारंभिक नेत्र परीक्षण के माध्यम से मोतियाबिंद के रोगियों का चयन करती है. चयनित मरीजों को मोतियाबिंद सर्जरी के अंतिम परीक्षण के लिए जमशेदपुर आई हॉस्पिटल ले जाया जाता है. चुने गए मरीज रात भर टीएसएफ कार्यालय मेंरहते हैं और अगले दिन उन्हें फिर से सर्जरी के लिए जमशेदपुर नेत्र अस्पताल ले जाया जाता है.
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