उदित वाणी, जमशेदपुर : झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने वीर शहीद निर्मल महतो के अनुयाई एवम शहीद रतिलाल महतो के प्रेरणा से उत्प्रेरित कार्यकर्ता झारखंड आंदोलनकारी बसूरदा ग्राम प्रधान देवानंद महतो के आज अकात्मिक निधन हो जाने पर गहरा दुख व्यक्त किया है. वे जमशेदपुर स्तिथ टी एम एच में इलाजरत थे.
देवानंद महतो ने झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में 80 एवं 90 के दशक में सक्रियता से भाग लिए थे. देवानंद महतो के निधन से झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक व सचिव पुष्कर महतो, गौतम बोस, आस्तिक महतो, बिंदे सोरेन, विश्वजीत प्रमाणिक मनबोध महतो , रमेश मुर्मू,उमापदो हंसदा, हराधन प्रमाणिक, शंभू महतो ,नसरुद्दीन अंसारी ,सुभान अंसारी, शमीम, रसराज महतो, दुर्योधन महतो, रोजलीन तिर्की, चितरंजन महतो, अमूल्य महतो शरद चंद्र महतो शिबू काली मैती, कलिंदर महतो ,लक्ष्मीकांत महतो,चितरंजन गोप, अबोध सहित, अशोक कुमार महतो दुलाल कुंभकार ,परेश सोरेन ,कमली बेसरा ,नंदलाल हंसदा ,केसरी बेसरा, राम मिश्रा, सावला हांसदा, सजनी हसदा ,वीरेन माड़ी, दुर्गाचरण हांसदा ममता तिवारी विष्णुपद ,विजय गोपाल तिवारी ,वनमाली माझी ,गोपाल मुर्मू जयराम हांसदा, चक्रधर ,महली विधान किसको परितोष को भरत माझी धान बहादुर सहित अन्य कई आंदोलनकारी साथी गहरा दुःख प्रकट किया एवम उनके परिवार परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट किया।
सभी ने कहा की सरायकेला खरसावां क्षेत्र ही सिर्फ नही पूरे कोल्हान प्रमंडल में देवानंद महतो का सामाजिक,राजनीतिक, सांकृतिक एवम कल्याणकारी कार्य में योगदान के लिए उन्हें क्षेत्र की जनता कभी नहीं भूलेंगे।उनका रचनात्मक योगदान चिरस्मरणीय रहेगा।सभी आंदोलनकारी साथी यह चिंता प्रकट किया की जमशेदपुर शहर में टाटा स्टील में अवसर प्राप्त कर्मचारियों के प्रति इलाज में घोर उपेक्षा एवम इलाज की पक्रिया में कई संदेहास्पद तौर तरीके का कार्य प्रणाली अपनाई जाती है जो आंदोलोंकारियो के लिए आक्रोश जनक हैं।
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