उदित वाणी, नई दिल्ली: लद्दाख के समाज सुधारक सोनम वांगचुक 26 जनवरी से माइनस 40 डिग्री सेल्सियस में जलवायु के लिए अनशन करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से लद्दाख के ग्लेशयिरों को विलुप्त होने से बचाने का आग्रह किया है। ऑल इज नॉट वेल, 3 इडयिट्स वाले सोनम वांगचुक ने हिमालयी क्षेत्र खासकर लद्दाख के ग्लेशियरों के लिए गहरी चिंता जताई है। वांगचुक ने अपने यूट्यूब चैनल के जरिए 13 मिनट का वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने देश व दुनिया के लोगों से पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील लद्दाख का मदद करने का आग्रह किया है। इसके साथ ही उन्होंने ट्वीटर के माध्यम से उस वीडियो को शेयर किया और प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह करते हुए सोनम वांगचुक ने कहा है कि लद्दाख में सब कुछ ठीक नहीं है! अपने नए वीडियो में मैं अपील करता हूं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हस्तक्षेप करें और पारिस्थितिकी-नाजुक लद्दाख को सुरक्षा प्रदान करें। सरकार और दुनिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए मैं 26 जनवरी से खारदुंगला दर्रे पर 18000 फीट -40 डिग्री सेल्सियस पर 5 दिन अनशन पर बैठने की योजना बना रहा हूं।
सोनम वांगचुक का कहना है कि वह चाहते हैं कि गणतंत्र दिवस पर उनका मैसेज प्रधानमंत्री मोदी और लोगों तक पहुंचे, जिसके लिए खारदुंगला दर्रे पर पांच दिन के उपवास (सांकेतिक अनशन) पर बैठुंगा।
वांगचुक ने बताया कि अपने अनशन के दौरान वह 18,000 फीट की ऊंचाई पर खारदुंगला की चोटी पर कैंप करेंगे, जहां तापमान माइनस 40 डिग्री सेल्सियस रहेगा। कार्बन-तटस्थ तेजी से वह गर्म पानी और सौर पैनलों का यूज करके उत्पन्न बिजली और एक सौर बिस्तर का यूज करेंगे। वांगचुक ने एक वीडियो में कहा कि सौर दुनिया के लिए रास्ता है और यही वह है जिसे मैं शायद दुनिया के पहले जलवायु-तटस्थ उपवास पर दिखाने की कोशिश करूंगा।
जानें कौन हैं सोनम वांगचुक
बता दें कि सोनम वांगचुक का जन्म 1966 में हुआ था। वह एक मैकेनिकल इंजीनियर और हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख के निदेशक भी हैं। उन्हें 2018 में मैगसेसे अवॉर्ड मिला था। 2009 की फिल्म थ्री इडियट्स में आमिर खान का रोल पुनसुख वांगडू, वांगचुक के व्यक्तित्व से प्रभावित था। वांगचुक लद्दाख में स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख बनाने के लिए जाने जाते हैं। इसका कैम्प सौर ऊर्जा पर चलता है।
आनंद महिद्रा ने वांगचुक को बताया क्लाइमेट हीरो
सूर्य की शक्ति का प्रदर्शन करते हुए वांगचुक ने लद्दाख में एक मिट्टी के घर के अंदर से एक वीडियो साझा किया, जहां झोपड़ी के अंदर का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस था, जबकि बाहर का तापमान माइनस 20 डिग्री सेल्सियस था।
अनशन की तैयारी के लिए वांगचुक ने माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तापमान में 11,500 फीट की ऊंचाई पर फयांग पर टेस्ट-रन किया। टेस्ट रन के बारे में बताते हुए वांगचुक ने कहा कि एक टेस्ट रन सफल! माइनस 20 डिग्री सेल्सियस पर सब ठीक है।
26 जनवरी से शुरू होकर खारदुंगला में 18,000 फीट माइनस 40 डिग्री सेल्सियस पर मेरी जलवायु के करीब पहुंच रहा है…यह परीक्षण मेरी छत पर 11,500 फीट पर था। इसी ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए बिजनेस मैन आनंद महिद्रा ने कहा ‘यह आदमी क्लाइमेट हीरो है।
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