- करीम सिटी कॉलेज में आयोजित सेमिनार में बोले राज्यपाल
- कृषि अर्थशास्त्री डॉ के जे एस सत्य साई ने कहा कि झारखंड में किसानों की आमदनी घटी है जो चिंता का विषय है
उदित वाणी, जमशेदपुर: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि जब हमारे गांव आत्मनिर्भर थे तो नमक के अलावा कुछ भी बाहर से नहीं मंगाना पड़ता था. कपड़ों और जूतों से लेकर खेती के औजार, फल सब्जियां और तेल की आपूर्ति भी गांव से ही हो जाती थी. आज स्थिति यह है कि गांव में दूध और सब्जियां भी शहर से आ रही है. गांव का शहर के ऊपर निर्भर होना ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए घातक है. बैस बुधवार को करीम सिटी कॉलेज के वाणिज्य विभाग तथा ग्रामीण विकास में वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली संस्था “नाबार्ड” के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय समारोह का विषय था- कृषि तथा ग्रामीण विकास और समग्र आर्थिक विकास में उनकी सहभागिता. राज्यपाल ने दुख के साथ कहा कि किसान खेती छोड़ रहे हैं. हमें इस ओर ध्यान देना होगा. खेती के अच्छे और आधुनिक तरीकों को गांव तक ले जाना होग. हमें उत्पादकता बढ़ानी होगी और कृषि उत्पादों को बड़े बाजार तक पहुंचाना होगा. उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस सम्मेलन से अच्छे और सकारात्मक सुझाव सामने आएंगे.
झारखंड के किसानों की आमदनी घटी है-डॉ.सत्य साई
मुंबई से पधारे कृषि अर्थशास्त्री डॉ के जे एस सत्य साई ने अपने भाषण में सीमांत किसानों पर विशेष चर्चा की और कहा कि झारखंड में किसानों की आमदनी घटी है जो चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि अन्न उत्पादन समाज के लिए अति आवश्यक है और इसके लिए किसानों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक उत्थान पर पूरा ध्यान देना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास, कृषि उत्पादन के विकास के बिना संभव नहीं है, क्योंकि हम सोना नहीं खा सकते, खाने के लिए अनाज ही चाहिए.
ग्रामीण विकास में नाबार्ड की अहम भूमिका-महाप्रबंधक
नाबार्ड के महाप्रबंधक गौतम कुमार सिंह ने कहा कि कृषि एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में नाबार्ड की भूमिका अहम रही है. उन्होंने स्वयं सहायता समूह और किसान क्रेडिट कार्ड का विशेष रूप से उल्लेख किया. सिंह ने बताया कि नाबार्ड अपने संसाधनों से राज्य सरकार को सहयोग करता है ताकि किसानों की स्थिति में सुधार हो सके. नाबार्ड का सूत्र वाक्य “गांव बड़े तो देश बढ़े” को दुहराया. उन्होंने आने वाली चुनौतियों की चर्चा की और कहा कि हमें जलवायु परिवर्तन के कारण नई-नई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जिनका हल निकालना होगा. सिंह ने आशा व्यक्त की कि इस कॉन्फ्रेंस में विचार विमर्श से जो सुझाव आएंगे उनका उपयोग झारखंड राज्य में कृषि के विकास में हो पाएगा.कोल्हन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ गंगाधर पंडा ने कहा कि कृषि की उन्नति ही हमारे देश के विकास का आधार है. करीम सिटी कॉलेज के प्राचार्य डॉ मोहम्मद रेयाज ने अतिथियों का स्वागत किया. संयोजक डॉ मोअज्जम नजरी ने सम्मेलन के विषय वस्तु पर प्रकाश डाला. डॉ मोअज्जम नजरी द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन राज्यपाल ने किया. सभा का संचालन डॉ नेहा तिवारी और डॉ जी विजय लक्ष्मी ने धन्यवाद ज्ञापन किया. मौके पर कोल्हन विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ कामिनी कुमार, जमशेदपुर महिला विवि की कुलपति डॉ अंजलि गुप्ता, डीसी श्रीमती विजया जाधव मौजूद थीं.
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