- अखंड पाठ का शुभारंभ, टेल्को गुरुद्वारा से निकलेगा नगर कीर्तन
- शहीदी सप्ताह के अंतिम दिन जुगसलाई में निकाला चेतना मार्च
उदित वाणी, जमशेदपुर: सिखों के 10 वें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाशोत्सव मनाने की तैयारी अंतिम चरण में है. 29 दिसंबर गुरुवार को सिख समुदाय के लोग प्रकाशोत्सव को पूरे हर्ष, उल्लास व श्रद्धा के साथ मनाएंगे. इसे लेकर मंगलवार को गुरुद्वारों में अखंड पाठ का शुभारंभ हो गया. गुरुवार को प्रकाश पर्व पर नगर कीर्तन इस बार टेल्को गुरुद्वारा से निकाला जाएगा जो टेल्को, तारकंपनी. नीलडीह गोलचक्कर, टिनप्लेट व गोलमुरी, टुइलाडुंगरी मुख्य मार्ग होते हुए साकची आएगा. साकची गुरुद्वारा में इसका समापन होगा. उस सुबह में गुरुद्वारों में अखंड पाठ भोग आदि का कार्यक्रम होगा. दीवान को भी सजाया जाएगा और गुरु का लंगर आयोजित होगा. इसके बाद सिख समाज नगर कीर्तन में शामिल होगा जिसका शुभारंभ दिन 11.30 बजे से टेल्को गुरुद्वारा से होगा.
प्रभात फेरी निकाल दे रहे गुरु का संदेश
गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सभा बारीडीह में गुरु गोविंद सिंह जी का 357 वां का प्रकाश पर्व गुरुवार को मनाया जाएगा. पिछले कई दिनों से प्रभात फेरी निकालकर गुरु जी का संदेश दिया जा रहा है. मराठी गुरुद्वारा कमेटी के महासचिव सुखविंदर सिंह ने बताया कि लोगों को खंडे की पाहुल छकने का भी आग्रह किया जा रहा है.उन्होंने बताया कि गुरुद्वारा साहिब की इमारत का रंग रोगन और सफाई का काम पूरा हो गया है और पाठ की लड़ी चल रही है.
सृष्टि गार्डन निवासी सतपाल सिंह की ओर से रखे गए पाठ का भोग गुरुवार को डाला जाएगा. इसके उपरांत हैप्पी सिंह का जत्था कीर्तन गायन करेगा तथा बाबा निरंजन सिंह दुनिया के समस्त जीवों के कल्याण की अरदास करेंगे. पूर्व प्रधान सरदार तरसेम सिंह एवं ट्रस्टी सरदार अमरजीत सिंह राजा के योगदान के मद्देनजर सम्मानित भी किया जाएगा. इसे सफल बनाने में कुलविंदर सिंह संदीप सिंह कुलदीप सिंह सुखबिंदर सिंह, बलविंदर सिंह, अमरपाल सिंह सविंदर सिंह अवतार सिंह जसपाल सिंह अवतार सिंह सोखी, बलदेव सिंह, जयपाल सिंह, जितेंद्र सिंह, सुखविंदर सिंह, बलविंदर कौर, मनजीत कौर, निर्मल कौर, मनदीप कौर, दलजीत कौर आदि लगे हुए हैं.
दूसरी ओर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहेबजादों बाबा अजीत सिंह जी, बाबा जुझार सिंह जी, बाबा जोरावर सिंह व बाबा फतेह सिंह की ऐतिहासिक शहीदी को याद करते हुए मंगलवार को जुगसलाई में चेतना मार्च निकाला गया. यह चेतना मार्च गुरुद्वारा से निकलकर विभिन्न इलाकों से होते हुए वापस गुरुद्वारा पहुंचा. चेतना मार्च में बड़ी संख्या में संगत शामिल थी, जो कि गुरु का जस गायन करते हुए चल रही थी.
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