उदित वाणी, जमशेदपुर: केंद्र सरकार की मिनिस्ट्री आफ माइनॉरिटी अफेयर की जांच टीम जिले के 25 स्कूलों की जांच करने जमशेदपुर पहुंची है. यह टीम मिनिस्ट्री आफ माइनॉरिटी अफेयर द्वारा दी जा रही अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति की जांच करने आई है.
टीम ने गुरुवार को उलीडीह स्थित एपीजे कलाम स्कूल में छात्रवृत्ति की जांच की. जांच के बाद अधिकारियों ने बताया कि एपीजे कलाम स्कूल में सब कुछ ठीक-ठाक मिला है. जिन छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जा रही है वह सही है और जरूरतमंद होने के साथ ही स्कूल में पढ़ रहे हैं. इस मौके पर एपीजेए कलाम हाईस्कूल के डायरेक्टर मोहम्मद ताहिर हुसैन और चेयरमैन डॉक्टर अफरोज शकील भी थे.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने गड़बड़ी की आशंका में झारखंड में कई जिलों में छात्रवृत्ति की जांच का आदेश दिया है. इसके बाद नेशनल काउंसिल आफ अप्लाइड इकोनामिक रिसर्च की टीम छात्रवृत्ति के लाभुकों की पड़ताल कर रही है.
जिले में 25 स्कूलों के लगभग 600 छात्रों की जांच की जाएगी. इस जांच टीम ने बुधवार को जवाहरनगर के हनफिया स्कूल, मदरसा हनफिया, सनराइज स्कूल और एमओ अकडमी स्कूल की जांच की थी. शुक्रवार को साकची में सेंट्रल करीमिया और करीम सिटी कॉलेज समेत अन्य स्कूलों की जांच की जाएगी. जांच टीम जिले में कई दिन रहेगी.
जांच टीम में फील्ड मैनेजर अविनाश के अलावा आशीष, शुकरा उरांव, विनीता गोप और आदित्य कुमार आदि अधिकारी शामिल हैं.
विद्यार्थियों के आर्थिक स्थिति की हो रही पड़ताल
जांच टीम लाभुक छात्र-छात्राओं की आर्थिक स्थिति की पड़ताल कर रही है. यह देखा जा रहा है कि जिनको छात्रवृत्ति दी जा रही है, वह पात्र हैं या नहीं. उनके माता-पिता क्या कर रहे हैं.
उनकी आर्थिक स्थिति क्या है. यह छात्र स्कूल में पढ़ रहे हैं या फर्जी तौर पर रजिस्टर में नामांकित कर छात्रवृत्ति ले रहे हैं. जांच टीम के आशीष ने बताया कि एपीजे कलाम स्कूल में सभी लाभुक विद्यार्थी पात्र मिले हैं. इनमें से कई ऐसे हैं जिनके माता-पिता नहीं हैं या पिता नहीं है और मां घरों में काम कर शिक्षा दिला रही है.
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बेगम हजरत महल के नाम पर छात्रवृत्ति
मिनिस्ट्री आफ माइनॉरिटी अफेयर ने अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को तालीम में मदद के लिए कई छात्रवृत्ति शुरू की है. इनमें अवध के नवाब वाजिद अली शाह की पत्नी बेगम हजरत महल के नाम पर शुरू की गई छात्रवृत्ति भी है.
बेगम हजरत महल ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के खिलाफ लखनऊ में अभियान की कमान संभाली थी. वाजिद अली शाह को जब अंग्रेजों ने कोलकाता निर्वासित कर दिया था, तो बेगम हजरत महल ने लखनऊ पर कब्जा कर अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला था.
कितनी दी जा रही छात्रवृत्ति
# 1000 रुपए प्रति वर्ष-प्री मैट्रिक कक्षा एक से कक्षा 5 तक
# 2000 रुपए से 5000 रुपए तक प्रति वर्ष- कक्षा 5 से कक्षा 9 तक
# 5000 रुपए से 13500 रुपए तक-कक्षा 10 से ग्रेजुएट तक
# 13500 रुपए से 22500 रुपए तक उच्च तकनीकी शिक्षा के छात्रों को
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