उदित वाणी जमशेदपुर : बिहार के चंपारण जिला गांव बहादुरपुर के रहने वाले जमील अख्तर ने अपना ट्रेलर मुजफ्फरपुर थाना सदर, यादव नगर का सत्येंद्र कुमार और पटना के फुलवारी शरीफ का नागेंद्र कुमार सिन्हा को किराये पर दिया था. मासिक किराया 1.10 लाख रुपये तय किया गया था. उन्हें दो माह तक तो ठीक-ठाक से किराया दिया गया था, लेकिन उसके बाद से नहीं दिया गया. ट्रेलर की खोजबीन के दौरान पता चला कि उसे जमशेदपुर के अवध डेंटल कॉलेज के पास उसका चेचिस नंबर व अन्य बदला जा रहा है. इसकी जानकारी मिलते ही मामला दर्ज कराया गया और पुलिस ने ट्रेलर को भी बरामद कर लिया. ट्रेलर को किराये पर देने का एग्रिमेंट 24 जून 2022 को कराया गया था. इसके ठीक दो माह के बाद ही दोनों आरोपियों का मोबाइल स्वीच ऑफ हो गया. दोनों की तलाश करने जमील अख्तर उनके ऑफिस और आवास पर भी पहुंचे थे. काफी खोजबीन की लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला. जमील का कहना है कि उन्होंने अपने ट्रेलर में जीपीएस लगा रखी है. जीपीएस 19 नवंबर को ऑन हुआ और दोनों के ठिकाने के बारे में पता चल गया. 22 नवंबर को जीपीएस लोकेशन से वे जमशेदपुर पहुंचे. इसके बाद एनएच 33 अवध डेंटल कॉलेज के पास निर्मल सिंह के गैराज में अपनी ट्रेलर को बदले हालत में देखा. जमील के अनुसार जब वे ट्रेलर के करीब गये तब देखा कि ट्रेलर का स्वरूप ही बदल दिया गया है. ट्रेलर का नये सिरे से डेंटिंग और पेंटिंग का काम कराया जा रहा था. मूल चेसिस नंबर को ग्राइंडिंग कर मिटा दिया गया है और उसपर पंच कर दूसरा नंबर भी लिख दिया गया है. ट्रेलर के मूल नंबर को भी हटा दिया गया था. इंजन नंबर को हटाकर दूसरा नंबर पंच कर दिया गया था. मूल इंजन नंबर जो पहले का था उसे नहीं हटाया गया था. 22 चक्का में 11 चक्का को छोड़कर बाकी में पुराना चक्का लगा हुआ था.
जब जमील ने गैराज मालिक निर्मल सिंह से संपर्क किया तब उन्होंने कहा कि जिन्होंने गाड़ी बनवाने के लिये दिया है उन्हें बुलवा देता हूं. अंततः वे नहीं पहुंचे. इसके बाद जमील ने घटना की लिखित शिकायत एमजीएम थाने में की. मामले में आरोपी सत्येंद्र कुमार और नागेंद्र कुमार सिन्हा को बनाया गया है. सूचना के बाद एमजीएम पुलिस ने ट्रेलर को बरामद कर लिया और मामले की जांच शुरू की है.
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