- हर वार्ड में आबादी की समरूपता रखने का है निर्देश
उदित वाणी, जमशेदपुर : झारखंड नगर निकाय के चुनाव में सीटों के निर्धारण और आरक्षण का मूल आधार चुनाव क्षेत्र की जनसंख्या है. राज्य में नगर निगम, नगर परिषद (वर्ग क और ख) और नगर पंचायतों के चुनाव की प्रक्रिया राज्य निर्वाचन आयोग शुरू कर चुुका है और अब तक सीटों का निर्धारण और आरक्षण किया जा चुका है. चुनाव की तारीखों की घोषणा संभवत: नए साल में होगी. सीटों का निर्धारण और आरक्षण झारखंड नगर पालिका अधिनियम, 2011 की धारा 16 (2) और झारखंड नगर पालिका निर्वाचन एवं चुुनाव याचिका नियमावली,2012 के नियम 5 के तहत किया गया है.
नगर पंचायत में चुनाव क्षेत्रों का गठन
नगर पंचायत की आबादी 12,000 या उससे अधिक लेकिन 40,000 से कम होती है. पहले 12,000 की आबादी पर कम से कम 10 वार्डों का गठन होगा. इसके बाद प्रत्येक 2800 की जनसंख्या पर एक वार्ड बनाया जाना है. लेकिन वार्डों की संख्या कुल जनसंख्या के आधार पर तय होगी. हर 2800 की जनसंख्या सभी वार्डों में समान रूप से बंटेगी. मसलन 12000 की आबादी में 2800 की आबादी बढऩे पर कुल आबादी 12000+2800 = 14800 होने पर नगर पंचायत क्षेत्र में एक अतिरिक्त वार्ड (10+1 = 11) का गठन होगा और इसके मुताबिक हर वार्ड की आबादी 14800 /11 =1345 होनी चाहिए. इस प्रकार 39,999 की आबादी पर गठित नगर पंचायत में अधिकतम वार्डों की संख्या 20 होगी. वार्डों को लैंड मार्क या अन्य आधार पर बांटने के वक्त आबादी की समरूपता का ध्यान रखने को कहा गया है, लेकिन अगर इसमें घट बढ़ हो रही हो तो 5 फीसदी तक घट बढ़ की गुजाईश रहेगी. जिले में चाकुलिया नगर पंचायत में इसी आधार पर वार्डों का गठन किया गया है.
नगर परिषद में वार्डों का गठन
नगर परिषद वर्ग ख (जिसमें जुगसलाई नगर परिषद आता है) में न्यूनतम आबादी 40,000 और 40,000 से ज्यादा तथा 1,00,000 से कम होती है. नगर परिषद में भी वार्डों के निर्धारण में आबादी के बेस प्वाइंट (40,000) को आधार बनाया गया है. 40,000 की आबादी में कम से कम 20 वार्ड बनाए जाने हैं. इसके बाद हर 6000 की आबादी बढऩे पर एक अतिरिक्त वार्ड का गठन होगा. यानी नगर पंचायत में वार्डों के गठन के लिए तय फार्मूले के आधार पर ही पहले 46000 आबादी के लिए 21 वार्ड बनेंगे और उसके बाद हर वार्ड की जनसंख्या 46000/21= 2190 होनी चाहिए. इस प्रकार 99999 तक की आबादी पर अधिकतम वार्डों की संख्या 30 तक हो सकती है. इसे जुगसलाई नगर परिषद के उदाहरण से समझा जा सकता है. जुगसलाई नगर पालिका की जनसंख्या 49660 (2011 की जनगणना के अनुसार) है. कुल जनसंख्या को 2190 से भाग देने पर नतीजा 22.67 आता है. इसलिए 22 वार्डोंं का गठन किया गया है. नगर पंचायतों की तरह ही हर वार्ड में जनसंख्या की समरूपता का प्रयास करने का निर्देश है, लेकिन इसमें 5 फीसदी कम या ज्यादा रखने की गुुंजाईश छोड़ी गयी है.जुगसलाई में सबसे बड़े वार्ड की आबादी 2361 और सबसे छोटे वार्ड की आबादी 2148 है. इसलिए जनसंख्या के फार्मूले पर ही नगर परिषद क के वार्डों का भी गठन किया गया है. हालांकि जिले में नगर परिषद की यह कैटगरी नहीं है.
नगर निगम में वार्डों का गठन
जिले में मानगो नगर निगम में भी चुनाव होना है. नगर निगम के वार्डों के गठन का आधार भी आबादी ही है. नगर निगम में न्यूनतम जनसंख्या 1,50,000 (डेढ़ लाख) तय की गई है और अधिकतम आबादी तय नहीं है. डेढ़ लाख की आबादी के आधार निगम क्षेत्र में कम से कम 35 वार्ड बनाए जाने हैं. इसके बाद की आबादी के लिए वही फार्मूला तय किया गया है जो नगर पंचायत और नगर परिषद में लागूू किया गया है. डेढ़ लाख के बाद हर 50,000 की आबादी सभी वार्डों में समान रूप से बंटेगी. कुल आबादी 2 लाख होने पर एक अतिरिक्त वार्ड का गठन होगा. यानी कुल 36 वार्ड बनेंगे और वार्डवार आबादी तय करने के लिए 200000 को 36 से भाग देना होगा जिसके एवज में नतीजा मिलेगा 6944. यानी हर वार्ड की आबादी 6944 होनी चाहिए. मानगो नगर निगम की आबादी 2011 की जनगणना के मुताबिक 2,23,805 है. कायदे से यहां 36 वार्ड से ज्यादा होना चाहिए था, लेकिन नियमावली में यह भी निर्देश है कि आधे से कम को छोड़ देना है. 2,23,805 की आबादी में 2,00000 की आबादी पर 36 वार्डों के गठन के बाद करीब 23,000 की आबादी बच रही है जो 50,000 के आधे से भी कम है लिहाजा निगम में 36 वार्ड ही बनाए गए. निगम में सबसे बड़े वार्ड की आबादी 6450 है जबकि सबसे छोटे वार्ड की आबादी 5938 है. यहां यह उल्लेखनीय है कि नियमावली में आबादी का निर्धारण करने के क्रम में 5 फीसदी कमी या वृद्धि की छूट दी गयी है.
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