उदित वाणी, जमशेदपुर: जमशेदपुर पुस्तक मेला को वैसे पुस्तक प्रेमियों पर नाज है जो पिछले 36 साल से इस मेले के गवाह रहे हैं. एक ऐसे ही पुस्तकों के कद्रदान है डॉ.अरूण कुमार शर्मा, जो पुस्तक मेला के पहले आयोजन से आ रहे हैं.
पुस्तकों के प्रति उनकी दीवानगी आप इसी से लगा सकते हैं कि दस दिन तक चलने वाले मेले में वे हर दिन आते हैं. शनिवार शाम को अपने गुरु राजमंगल पांडेय के साथ मेले में आए डॉ.शर्मा ने बताया कि हमारे लिए यह दस दिन किसी उत्सव से कम नहीं होता. ऐसी भी बात नहीं है कि हम केवल मेले में घुमने और तफरी करने आते हैं.
हर रोज विभिन्न स्टॉलों पर हजारों पुस्तकों में अपना अक्स तलाशते हैं और उसकी खरीददारी करते हैं. आज ही मैंने 45 पुस्तकों की खरीददारी की.
1984 में पहले पुस्तक मेले से आ रहे
बकौल डॉ.अरूण कुमार शर्मा, जब 1984 में जमशेदपुर पुस्तक मेला का शुभारंभ हुआ, तो पिताजी के साथ आया था. 15 साल उम्र रही होगी. बाद में किताबों से इश्क इस कदर हुआ कि साल भर इस मेला का इंतजार करता हूं.
यह मेला 36 वां संस्करण है. आज तक एक भी मेला मिस नहीं किया हूं. अधिकतर प्रकाशक मुझे जानते हैं. कई बार तो मेला शुरू होने के पहले ही रवीन्द्र भवन मैदान में तैयार हो रहे स्टॉलों को देखने आ जाता हूं. एक अजीब-सी शांति और सुकून यहां मिलता है. रविवार 20 नवम्बर को मेला का अंतिम दिन है. आज से ही मन उदास हुए जा रहा है. जैसे किसी की विदाई के बाद मन उदास होता है.
घर में तीन हजार से ज्यादा पुस्तकों का संग्रह
डॉ.अरूण कुमार शर्मा ने बताया कि घर में तीन हजार से ज्यादा पुस्तकों का संग्रह हो गया है. हर रोज पुस्तकें पढ़ने की आदत हैं. ज्यादातर साहित्यिक और साइंस फिक्शन पढ़ता हूं. पेशे से होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ.शर्मा का साहित्यिक रूझान है.
उन्होंने कई कविताएं और कहानियां भी लिखी है. राजमंगल पांडेय के संपादन में छपी पतों पर बिखरी ओस..पुस्तक में उनकी कविताएं प्रकाशित हुई हैं. एक यात्रा वृतांत भी लिख रखा है. कहते हैं-ये केवल किताबें नहीं है, उनके सुख-दुख की साथी भी है, जो कभी दर्द नहीं देती.
जमशेदपुर पुस्तक मेले का कल अंतिम दिन
जमशेदपुर पुस्तक मेला का समापन रविवार 20 नवम्बर की शाम को होगा. शनिवार को पुस्तक प्रेमियों की काफी भीड़ रही. सारे स्टॉल पर खरीददार दिखे. बच्चों की पुस्तकों के साथ पाठ्य पुस्तकों के स्टॉल पर काफी खरीददार दिखे. रविवार को मेला सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक चलेगा.
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