उदित वाणी, रांची: हेमंत सरकार द्वारा शुक्रवार को राज्य विधानसभा का अहम बिशेष सत्र आहूत किया गया है. इस सत्र को लेकर पूरे राज्य के लोगों की निगाहें टिकी है. सत्र के दौरान हेमंत सरकार द्वारा राज्य के लिए दो अति महत्वपूर्ण बिल पेश किया जायेगा.
जिसके तहत राज्य में 1932 खतियान आधारित स्थानीय निवासी पहचान बिल तथा ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण समेत राज्य में 77 प्रतिशत आरक्षण लागू करने संबंधी बिल पेश किया जायेगा. बिशेष सत्र को लेकर सत्तापक्ष व विपक्ष द्वारा अलग-अलग बैठकें करके रणनीति बनाई गई.
मुख्यमंत्री आवास में आयोजित बैठक के बाद सत्तापक्ष ने दो टूक कहा कि सरकार राज्य की जनता के हित में काम करते जायेगी, विपक्ष क्या बोल रहा है. उसका कोई मतलब नहीं है.
ईडी के डर से लोगों का ध्यान भटका रही है हेमंत सरकार-भाजपा
वहीं राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा द्वारा प्रदेश कार्यालय में पार्टी विधायक दल की बैठक की. बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए पार्टी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि भाजपा प्रदेश की जनता की भावनाओं के साथ खड़ी है.
लेकिन राज्य सरकार की मंशा साफ नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा यदि साफ होती, तो यह सरकार सीधे संकल्प लेकर 1932 खतियान आधारित स्थानीय व नियोजन नीति लागू कर देती. परन्तु हेमंत सरकार इस बिषय को सिर्फ उलझाना चाहती है. उन्होंने कहा कि 6 माह पहले मुख्यमंत्री ने सदन में स्पष्ट कहा था कि 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि यह सरकार अब ईडी के प्रेम पत्र से डरी हुई है और भ्रष्टाचार के मामले में घिरती जा रही है तथा नए छलावे के तहत जनता का ध्यान भटका रही है. पिछड़ों के 27प्रतिशत आरक्षण के प्रस्ताव पर उन्होंने कहा कि भाजपा के सभी विधायक इससे सहमत हैं.
लेकिन राज्य सरकार की मंशा इस पर भी साफ नहीं है. उन्होंने कहा कि विधायकों को जो विधेयकों की कॉपी दी गई है. उसमें भी अनेक त्रुटियां है. पार्टी सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष से मांग करेगी कि भाजपा विधायक दल के नेता को सदन में बात रखने का अवसर दिया जाय.
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