उदित वाणी, जमशेदपुर: सिंहभूम चैंबर का एक प्रतिनिधि मंडल विजय आनंद मूनका के नेतृत्व में सोमवार को संयुक्त आयुक्त प्रशासन (स्टेट जीएसटी) परिजात मंजुल से मिला एवं विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाहियों पर अपना विरोध दर्ज कराया.
चैंबर के कई सदस्यों ने बीते दिनों यह शिकायत की थी कि विभाग व्यावसायियों के प्रतिष्ठानों का सर्वेक्षण कर रहा है एवं इससे पूरे बाज़ार में भय का माहौल बन रहा है. सचिव वित् एवं कराधान पीयूष चौधरी ने बताया कि बिना नोटिस कार्यवाही करना सरासर नियमों का उल्लंघन है एवं राज्य कर विभाग को इससे परहेज करना चाहिए. उ
न्होंने यह भी कहा कि जब व्यवसायी अपना जीएसटी का निबंधन रद्द करने का आवेदन देता है तो विभाग ससमय उस पर कारवाही नहीं करता है, जोकि गलत है.
उन्होंने क्रेडिट नोट से संबंधित वैसे मामले जिसमें खरीददार पर कारवाही हो रही है, पर अंकुश लगाने की मांग की. उपाध्यक्ष (ट्रेड) नितेश धूत ने आग्रह किया कि संस्थानो एवं उद्योगों द्वारा उपयोग किए गए सीमेंट, छड़ इत्यादि पर इंपुट टैक्स क्रेडिट दिया जाना चाहिए. विजय आनंद मूनका ने संयुक्त आयुक्त से आग्रह किया कि कोल्हान के उद्योगों के लिए सबसे बड़ी समस्या यहां असमान बिजली दर का होना है.
इसका सीधा असर राज्य के राजस्व पर भी पड़ता है. उन्होंने संयुक्त आयुक्त से भी इस विषय पर पत्राचार करने की मांग की.
समस्याओं के समाधान का आश्वासन
परिजात मंजुल ने सभी मुद्दों को गंभीरता से सुना एवं उचित कार्रवाई करने का अश्वासन् दिया. उन्होंने राजस्व वृद्धि के लिए भी चैंबर से सुझाव मांगे.
मानव केडिया ने सुझाव दिया कि जीएसटी के नये बदलावों को ध्यान में रखते हुए राज्य कर विभाग को अन्य राज्य सरकार के विभागों को चिट्ठी लिखनी चाहिए ताकि वे अपने ठेकेदारों को बढ़े जीएसटी दरों पर भुगतान करें.प्रतिनिधि मंडल में विजय आनंद मूनका, मानव केडिया, दिलीप गोल्छा, नितेश धूत, पीयूष चौधरी, किशोर गोलेच्छा, भरत मकानी, दिलीप कुमार, राजीव अग्रवाल मौजूद थे.
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