उदित वाणी, जमशेदपुर : टाटा पावर सोलर सिस्टम्स ने झारखंड, बिहार और प. बंगाल में किफायती सौर ऑफ-ग्रिड समाधान (Off grid solar system) पेश करने की घोषणा की है ।
टाटा पावर सोलर सिस्टम्स लिमिटेड (TPSSL) टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (TPREL) की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी है।
TPSSL ने बुधवार को एक बयान में कहा कि ऑफ-ग्रिड समाधान उच्च कुशल सौर मॉड्यूल, इनवर्टर और बैटरी का संयोजन मुहैया कराते हैं और पांच साल की वॉरंटी के साथ 1-10 किलोवॉट तक के 11 संस्करणों में उपलब्ध हैं।
इन सौर ऑफ ग्रिड समाधान को दिन में चार्ज किया जाता है। रात में बिजली कटौती होने पर प्रदूषण फैलाने वाले विकल्प मसलन जनरेटर के बजाय इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।
क्या है ऑफग्रिड सोलर पावर प्लांट
जैसा कि नाम से ही पता चलता है यह सोलर सिस्टम ऑफग्रिड यानी बिना बिजली के कार्य करता है। अतः यह सिस्टम ऐसी जगह के लिये सर्वथा उपयुक्त है जहां बिजली नहीं है अथवा बहुत अधिक कटौती होती है। या फिर ऐसे लोग जो सिर्फ सोलर से अपना सारा लोड चलाना चाहते हैं और बिजली का कनेक्शन नहीं लेना चाहते।
ऑफग्रिड सोलर प्लांट कैसे काम करता है?
ऑफग्रिड सोलर सिस्टम पूरी तरह सोलर और बैट्री आधारित सिस्टम है। दिन के समय जब सूर्य की रोशनी होती है यह सोलर पैनल से बनने वाली बिजली से लोड को चलाता है और बाकी बची सूर्य ऊर्जा की सहायता से बैट्री चार्ज करता है। वहीं जब सूर्य की रोशनी नहीं होती तो यह बैट्री में संग्रहित की गई ऊर्जा की मदद से लोड को संचालित करता है।
ऐसे में ऑफग्रिड सोलर सिस्टम लगवाते समय हमेशा यह ध्यान रखना चाहिये कि सोलर पैनल आपके लोड से कम से कम 30 प्रतिशत ज्यादा हो ताकि बैट्रियों को चार्ज होने के लिये पर्याप्त ऊर्जा मिल सके। क्योंकि यदि सोलर पैनल कम होंगे और लोड ज्यादा होगा तो वह सोलर के साथ बैट्री में संग्रहित की गई ऊर्जा को भी दिन में ही इस्तेमाल कर लेगा, जिससे आपको रात के समय बैकअप की समस्या आ सकती है।
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