उदित वाणी, जमशेदपुर : गंजम जिले के गोपालपुर तट के पास टाटा स्टील प्लांट के लिए 206 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था. ओडिशा सरकार ने 1996 में प्रस्तावित संयंत्र के लिए कालीपल्ली और एक दर्जन अन्य गांवों में 6,900 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया, हालांकि योजना कभी भी सफल नहीं हुई.
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में ओडिशा मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कानूनी वारिसों को 206 एकड़ जमीन वापस करने का फैसला किया. मुख्य सचिव एससी महापात्र ने कहा कि जनहित को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 206.685 एकड़ जमीन वापस करने का फैसला किया है,
जो पिछले दो दशकों से अनुपयोगी थी. उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजे और पारदर्शिता के अधिकार के नियम 20 के प्रावधान के अनुसार भूमि मूल मालिकों या उनके कानूनी उत्तराधिकारियों को सौंप दी जाएगी. उस समय भूमि देने वालों को मुआवजा दिया गया था. सरकार ने फैसला किया कि प्रभावित लोगों को भुगतान की गई राशि माफ कर दी जाएगी.
हालांकि, छतरपुर से भाकपा के पूर्व विधायक नारायण रेड्डी, जिन्होंने प्रस्तावित इस्पात संयंत्र के विरोध का नेतृत्व किया था, ने कहा कि जमीन की वापसी पर्याप्त नहीं है. हाल ही में सीएम पटनायक ने टाटा संस से राज्य में अपने पदचिह्न का विस्तार करने का आग्रह किया. उन्होंने टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन से मुलाकात की और टाटा स्टील सहित कंपनी की विभिन्न परियोजनाओं पर चर्चा की.
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