उदित वाणी, जमशेदपुर : सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य व धन की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी के पूजन की शुभ घड़ी आ गई है. सोमवार को प्रदोष काल में महालव्य व शश योग में दीपावली पूजन का सर्वश्रेष्ठ योग रहेगा.
शहर में घरों तथा प्रतिष्ठानों में समृद्धि के दीप जलेंगे, खुशियों की आतिशबाजी भी की जाएगी. ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार सुबह रूप चौदस तथा शाम को दीपाली मनाई जाएगी.महालक्ष्मी पूजा में योगों का विशेष महत्व है. ज्योतिष शास्त्र में पंच महापुरुष योगों का अनुक्रम बनता है.
महालक्ष्मी की पूजा के समय इनमें से दो योग भी शुभ व केंद्रकारी हों तो पर्वकाल को विशेष बना देता है. इसी क्रम में शुक्र का केंद्र गत होकर तुला राशि में होना तथा शनि का मकर राशि में होना क्रमश: मालव्य व शश योग का निर्माण करता है. इस योग में माता लक्ष्मी की पूजा से सुख,समृद्धि की प्राप्ति होती है.
कहां-कहां दीपक जलाना शुभ
दिवाली पर दीपक जलाने से जीवन के अंधकार को दूर किया जाता है. दीपक जलाने से सुख-समृद्धि का वास होता है और शांति की प्राप्ति होती है.शास्त्रों में भी दीपक जलाने के महत्व के बारे में बताया गया है. दिवाली के दिन यूं तो हर कोने में दीपक जलाया जाता है, लेकिन वास्तु नियमों के अनुसार दिवाली पर कुछ विशेष जगहों पर दीपक जलाना बेहद शुभ होता है.
दीपावली की रात सरसों के तेल के दीपक जलाने का विधान होता है. घर के आंगन में एक दीपक घी का जलाना शुभ होता है. इसके अलावा दिवाली पर दो दीपक रसोईघर में जलाने चाहिए. इससे मां अन्नपूर्णा देवी की कृपा बनी रहती है. शयनकक्ष में एक दीपक घी का जलाना चाहिए. इससे दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है.
घर की तिजोरी के समीप तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए और भगवान कुबेर की प्रार्थना करनी चाहिए. दिवाली की रात्रि घर के चारों कोनों में चार मुख वाले दीपक जलाना चाहिए. घर के अलावा नजदीक मंदिर में जाकर पांच दीपक घी के जलाने चाहिए.इसके अलावा, अगर घर के बाहर नदी या नहर बहती है, तो उसके किनारे भी दीपक जलाना चाहिए. आप चाहे तो घर के नल या बहते हुए जल के पास भी दीपक जला सकते हैं. दिवाली के दिन तुलसी के पौधे के नीचे दीपक जलाना भी शुभ होता है.
दिवाली पूजन के शुभ मुहूर्त
घर
शाम 5.40 से 6.25 तक
शाम 7.15 से रात 9.32 तक
रात 11.43 से 12.40 तक
दुकान
शाम 5.50 से 7.15 बजे तक
रात 8.05 से 9.05 बजे तक
रात 10.34 से 12.11 बजे तक
ऑफिस
शाम 6.05 से 7.32 बजे तक
शाम 7.50 से 8.40 बजे तक
रात 10.34 से 12.11 तक
फैक्ट्री
शाम 7.15 से रात 9.05 बजे तक
रात 11.43 से 12.40 बजे तक
चतुर्गही योग दिलाएगा विशेष लाभ
दीपावली पर तुला राशि में चंद्र, सूर्य, शुक्र व केतु की चतुर्ग्रही युति बन रही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुला राशि में चंद्र, सूर्य व शुक्र की युति विशेष शुभ मानी जाती है. इस बार तीन ग्रहों के साथ केतु भी मौजूद है, इससे यह चतुर्गही युति बन रही है. केतु का स्वभाव शुक्र के जैसा होता है, इस दृष्टि से इस युति योग में महालक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों को समृद्धि तथा विशेष लाभ की प्राप्ति होगी.
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