विश्व में अनेकानेक अप्रत्याशित घटनाएँ देखने को मिलेंगी
वृषभ, ङ्क्षसह, धनु एवं मकर राशि वालों को मिलेगा कार्यसिद्धि का सुयोग
उदित वाणी, जमशेदपुर: भारतीय ज्योतिष में सूर्यग्रह का नवग्रहों में प्रमुख स्थान है. ज्योतिष की गणना के अनुसार मेष राशि से मीन राशि तक सूर्यग्रह प्रत्येक मास अपनी राशि बदलते हैं. जिसका व्यापक प्रभाव पूरे विश्व में देखने को मिलता है. प्रख्यात ज्योतिॢवद् श्री विमल जैन ने बताया कि सूर्यग्रह सूर्यग्रह तुलाराशि में 17 अक्टूबर, सोमवार को सायं 7 बजकर 22 मिनट से 16 नवम्बर, बुधवार को सायं 7 बजकर 15 मिनट तक रहेंगे. एक माह की यह अवधि तुला संक्रान्ति के नाम से जानी जाएगी.
ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि सूर्यग्रह के तुला राशि में प्रवेश करने से विश्व क्षितिज पर अनेकानेक अप्रत्याशित घटनाएँ देखने को मिलेंगी. सूर्य संक्रान्ति के दिन सूर्य, बुध व शुक्र-कन्या राशि में; चंद्रमा व मंगल-मिथुन राशि में; गुरु-मीन राशि में; शनि-मकर राशि में; राहु-मेष राशि में; केतु-तुला राशि में विराजमान रहेंगे.
इन ग्रहों के योग के फलस्वरूप सम्पूर्ण जगत में विविध घटनाएं देखने को मिलेंगी. जनमानस भी इससे अछूता नहीं रहेगा. राजनैतिक उथलपुथल, देश-विदेश के राजनैतिक घटनाक्रम में अचानक तेजी से नये स्वरूप व गतिविधियों के साथ ही शेयर, वायदा व धातु बाजार के अलावा अन्य खाद्य पदार्थों में विशेष घटा-बढ़ी हलचल देखने को मिलेगी.
आॢथक व राजनैतिक घोटाले भी शासक-प्रशासक पक्ष के सामने आयेंगे. मौसम में अजीबो-गरीब परिवर्तन देखने को मिलेगा. कहीं-कहीं पर वर्षा से भू-स्खलन की आशंका बनी रहेगी. दैविक आपदाएँ, जल-थल वायु दुर्घटनाओं का प्रकोप तथा कहीं-कहीं पर आगजनी की आशंका बनी रहेगी. किसी मुद्दे को लेकर जन-मानस में असन्तोष रहेगा.
सत्ता पक्ष व विपक्ष में परिवर्तन के साथ ही आरोप-प्रत्यारोप को भी नकारा नहीं जा सकता. मौसम में अजीबो-गरीब परिवर्तन होगा. धाॢमक पक्ष के प्रति आस्था बढ़ेगी.
ग्रहों के योग के फलस्वरूप द्वादश राशियों पर भी पड़ेगा असर:
मेष—आलस्य की अधिकता. विचारित कार्यों में विलम्ब. लाभ में कमी. दाम्पत्य जीवन में तनाव. आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति.
वृषभ—लाभ का मार्ग प्रशस्त. सफलता का सुअवसर. बुद्धि विवेक से तनाव में कमी. नव समाचार से प्रसन्नता. राजकीय लाभ.
मिथुन—समय आशा के विपरीत. अभिलाषा की पूॢत में व्यवधान. मित्रों से अनबन. लेन-देन में जोखिम. अनावश्यक भ्रमण.
कर्क— आर्थिक पक्ष से असंतोष. पारिवारिक तनाव. कर्ज की अधिकता. धर्म के प्रति अरुचि. आत्मीयजनों से कष्टï.
ङ्क्षसह—कार्यसिद्धि हेतु प्रयत्नशील. कठिनाइयों में कमी. परिवार में मंगल आयोजन सम्पन्न. जनकल्याण की भावना जागृत.
कन्या—भाग्य में न्यूनता. व्यक्तिगत समस्याओं से परेशानी. परिवार में अशान्ति का वातावरण. आरोग्य सुख में व्यवधान.
तुला—दिनचर्या अव्यवस्थित. आपसी तालमेल का अभाव. क्रोध की अधिकता. अनावश्यक व्यय. यात्रा में प्रतिकूलता.
वृश्चिक—स्वास्थ्य में व्यतिक्रम. बौद्धिक क्षमता में कमी. व्यय की अधिकता. आरोप प्रत्यारोप की स्थिति. व्यर्थ भ्रमण.
धनु—सफलता का सुअवसर. बुद्धि विवेक से तनाव में कमी. लाभ का मार्ग प्रशस्त. नव समाचार से प्रसन्नता. राजकीय लाभ.
मकर—आय के नवीन साधन सुलभ. प्रेम सम्बन्धों में प्रगाढ़ता. यात्रा सकुशल. कर्ज अदायगी का प्रयास. मनोरंजन में रुचि.
कुम्भ—धनागम में बाधा. विश्वासघात की आशंका. सुख-साधन का अभाव. वाहन से कष्टï. विचारों में उग्रता.
मीन—व्यय की अधिकता. जल्दबाजी का निर्णय अहितकर. स्वास्थ्य सुख में व्यतिक्रम. दिनचर्या अव्यवस्थित. वाहन से कष्टï.
जिन्हें सूर्यग्रह का अनुकूल फल न मिल रहा हो या सूर्यग्रह की दशा-अन्तर प्रत्यन्तर्दशा विपरीत हो उन्हें अपने कार्यों में सूझ-बूझ व सतर्कता बरतनी चाहिए साथ ही जोखिम के हर कार्यों से बचना रहना चाहिए. धन के निवेश में सावधानी जरूरी है.
कैसे करें सूर्यग्रह को प्रसन्न—सूर्यग्रह की प्रसन्नता के लिए अपने आराध्य देवी-देवता की आराधना के साथ सूर्यग्रह की भी अर्चना नियमित रूप से करनी चाहिए. नित्य प्रतिदिन प्रात:काल स्नान, ध्यान के पश्चात् सूर्य भगवान को ताम्रपात्र में रोली, अक्षत, लाल फूल एवं गुड़ डालकर अघ्र्य अॢपत करना चाहिए. साथ ही सूर्यग्रह के मन्त्र का जप, श्रीआदित्यहृदय स्तोत्र, श्रीआदित्यकवच, श्रीसूर्यसहस्रनाम आदि का पाठ करना लाभदायक रहता है.
रविवार के दिन शुचिता के साथ व्रत या उपवास रखकर दिन में 12 बजे से 3 बजे के मध्य बिना नमक का फलाहार करना चाहिए तथा मध्याह्न के समय सूर्यग्रह से सम्बन्धित लाल रंग की वस्तुएँ जैसे—लाल वस्ïत्र, गेहूँ, गुड़, ताँबा, लाल फूल, चन्दन आदि विविध वस्तुएँ नगद दक्षिणा सहित ब्राह्मïण को संकल्प के साथ देना चाहिए.
— ज्योतिषविद् विमल जैन
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