जिले के 187 सरकारी विद्यालयों को अधिकारियों ने लिया गोद
उपायुक्त ने पटमदा, पोटका, घाटशिला, डुमरिया एवं बहरागोड़ा प्रखंड के 1-1 विद्यालय को गोद लिया
▪️एडीएम लॉ एंड ऑर्डर, अपर उपायुक्त, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, निदेशक एनईपी, एसडीएम धालभूम, एसडीएम घाटशिला, जिला परिवहन पदाधिकारी, डीसीएलआर समेत अन्य सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी ने 5-5 वहीं, प्रखंड स्तरीय एवं नगर निकाय पदाधिकारियों ने 2-2 विद्यालय गोद लिया
उदित वाणी, जमशेदपुर: कोराना काल के दो वर्षों में विद्यालयों के बंद रहने के कारण सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों की शिक्षा के स्तर में कमी देखी जा रही है। बच्चे अपनी कक्षा की दक्षता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। शिक्षा विभाग एवं जिला प्रशासन की ओर से बच्चों की अधिगम क्षमता में वृद्धि हेतु अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। जिलान्तर्गत कार्यरत पदाधिकारियों के अनुभव से सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार हेतु सकारात्मक पहल की आवश्यकता को देखते हुए जिला उपायुक्त विजया जाधव समेत सभी वरीय पदाधिकारीगण, जिला स्तरीय अन्य पदाधिकारियों ने 5-5 विद्यालय वहीं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी तथा नगर निकाय पदाधिकारियों ने 2-2 विद्यालय को गोद लिया है।
जिला उपायुक्त विजया जाधव ने बताया कि सरकारी मध्य एवं माध्यमिक विद्यालयों में राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन एवं शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार के उद्देश्य से जिले में एक नवाचारी कार्यक्रम “आबुआ आसड़ा” (संथाली शब्द भावार्थ – “हमारा विद्यालय) प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। जिसके अन्तर्गत जिले में कार्यरत वरीय पदाधिकारियों द्वारा विभिन्न मध्य एवं माध्यमिक विद्यालयों को गोद लेकर (School Adoption) शिक्षण व्यवस्था में आवश्यक सुधार हेतु अभिनव प्रयास किया जाएगा।
जिला उपायुक्त ने सभी पदाधिकारियों को अग्रिम शुभकामनायें देते हुए कहा कि आबुआ आसड़ा” कार्यक्रम के क्रियान्वयन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पदाधिकारियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा एवं नीति आयोग को उनके द्वारा किये जा रहे अभिनव प्रयासों से अवगत कराया जाएगा । उन्होने पदाधिकारियों से इस अभियान की सफलता के लिए अपेक्षा करते हुए कहा है कि अपने विद्यार्थी जीवन के साथ-साथ कार्य अनुभवों का लाभ सुदूरवर्ती एवं समाज से अभिवंचित वर्ग के बच्चों को दिलाने का प्रयास करें, जिससे जिले के बच्चे शैक्षणिक के साथ-साथ प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी अव्वल स्थान प्राप्त कर सके। आपका प्रयास अध्ययनरत विद्यार्थियों के विद्या यात्रा में प्रेरणादायी हो एवं ” आबुआ आसड़ा” कार्यक्रम को नई ऊँचाईयों तक ले जाने के लिय तत्पर हो। ताकि अन्य के लिये भी यह प्रेरणादायी हो सके।
जिला उपायुक्त द्वारा “आबुआ आसड़ा” की सफलता के लिए दिए गए दिशा-निर्देश:-
> सप्ताह में 02 दिन क्षेत्र भ्रमण के क्रम में प्रत्येक माह कम से कम एक बार विद्यालयों का निरीक्षण एवं अनुश्रवण ।
> विद्यालय के पठन-पाठन में सुधार सुनिश्चित कराना।
> FLN कार्यक्रम का क्रियान्वयन अन्तर्गत विद्यालयों में शिक्षक हैण्डबुक का उपयोग सुनिश्चित कराना तथा एक कमरे अथवा अन्य दीवारों में FLN संबंधित दीवार लेखन करवाकर विद्यालय को प्रिंटरिच करवाना।
> विद्यालय भवन में BALA ( Building as Learning Aid) का समावेश कराना।
> वर्ग संचालन को बाल सुलभ बनाने का प्रयास करना। विद्यालय में गतिविधि आधारित शिक्षण सुनिश्चित कराना।
> प्रत्येक दिन विद्यालय की कार्यक्रम में प्रयोगशाला एवं पुस्तकालय घंटी समावेश कराना एवं उपयोग सुनिश्चित कराना।
> छात्र उपस्थिति में सुधार हेतु प्रयास कार्यक्रम का क्रियान्वयन, न्यूनतम 90 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करवाना।
> ई-विद्यावाहिनी के माध्यम से शिक्षक एवं छात्र उपस्थिति सुनिश्चित कराना।
> मासिक मूल्यांकन की समीक्षा, कमजोर प्रदर्शन करने वाले बच्चों को विशेष पठन-पाठन प्रदान कराना।
> मॉडल कक्षा का संचालन ।
> वार्षिक माध्यमिक परीक्षा के परीक्षाफल में सुधार हेतु प्रयास करना।
> विद्यालय के स्मार्ट क्लास का सदुपयोग सुनिश्चित कराना। स्मार्ट क्लास का उपयोग कर प्रत्येक दिन न्यूनतम 4-5 घंटी वर्ग संचालन करवाना।
> विद्यालय में अधिष्ठापित ICT लैब (यदि हो) तो उसे क्रियाशील करवाना एवं सदुपयोग करवाना। मध्याहन् भोजन की गुणवता सुनिश्चित कराना।
> विद्यालयों में किचेन गार्डन का विकास करवाना।
> सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित कराने हेतु विद्यालय प्रबंधन समिति एवं माता समिति की प्रत्येक माह के 25 तारीख को नियमित रूप से बैठक कराना तथा यथासंभव बैठक में भाग लेना।
> प्रत्येक 03 माह में PTM ( Parent Teacher Meeting) का आयोजन कराना एवं उसमें भाग लेना।
> विद्यालय एवं प्रखंड स्तरीय FLN कमिटि की बैठक सुनिश्चित कराना तथा यथासंभव भाग लेना ।
> विद्यालय की साफ-सफाई सुनिश्चित कराना। विद्यालय के माहौल में आवश्यक सुधार कराना।
> विद्यालयों में क्रियाशील शौचालय, हैण्डवास यूनिट, पेयजल, शौचालय एवं हैण्डवास यूनिट में रनिंग वाटर, सोख्ता गड्ढ़ा का निर्माण, रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली, विद्युतीकरण, आवश्यकतानुसार पेवर्स ब्लाक की सहायता से पाथवे का निर्माण इत्यादि की सुविधा सुनिश्चित कराना। संबंधित कार्य समन्वय कर 15वें वित्त आयोग की राशि से भी कराया जा सकता है।
> विद्यालय के Infrastructure में आवश्यक सुधार में सहयोग प्रदान करेंगे। इस हेतु विभिन्न विभागों एवं योजनाओं से अभिशरण कर कार्य करवाया कता है।
> सभी नामांकित बच्चों के कल्याण हेतु सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं यथा- छात्रवृत्ति, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना, निःशक्त बच्चों का शत-प्रतिशत प्रमाण पत्र बनवाना एवं छात्रवृत्ति / पेंशन से आच्छादित कराना इत्यादि का लाभ सुनिश्चित करायेंगे।
> संबंधित पदाधिकारियों को विद्यालय का आवंटन 04 माह के लिए किये गये है, तदनुपरांत आवंटित विद्यालय को परिवर्तित की जायेगी।
> सूचीबद्ध वरीय पदाधिकारियों के बीच आंतरिक प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया जायेगा। प्रतिस्पर्धा में अव्वल आनेवाले पदाधिकारियों को जिला स्तर पर सम्मानित किया जायेगा।
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