the_ad id="18180"]
विजया जाधव ने प्रधानाध्यापकों से कहा- सही मूल्यांकन से ही कमियों का पता चलेगा
उदित वाणी, जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले की उपायुक्त विजया जाधव ने एक बार फिर स्कूलों में मासिक मूल्यांकन को महत्प देने के निर्देश जारी किए हैं.
पिछले दिनों जिला शिक्षा विभाग के कार्यालय का निरीक्षण करने के दौरान भी डीसी ने इस बाबत निर्देश जारी किया था और अब एक बार फिर समीक्षा बैठक कर इसे लेकर प्रधानाध्यापकों व शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया है.
उन्होंनेने स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को मासिक मूल्यांकन परीक्षा को पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए हैं. मंगलवार को डीसी ऑफिस स्थित एनआईसी कक्ष में इस बाबत जिला उपायुक्त विजया जाधव ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की. इसमें सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक-प्रभारी प्रधानाध्यापक वर्चुअल माध्यम से जुड़े.
स्कूलों में मासिक मूल्यांकन परीक्षा प्रतिमाह प्रत्येक विद्यालय में वर्ग 9 तथा 10 में आयोजित की जाती है. इस परीक्षा की डीसी ने समीक्षा की ओर इस क्रम में निर्देश दिया कि परीक्षा पारदर्शी तरीके से करवाते हुए बच्चों के वर्तनी की अशुद्धियों पर ध्यान दिया जाए.
उन्होंने कहा कि वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के साथ ही दीर्घ उत्तर वाले प्रश्नों का भी विद्यार्थी आवश्यक रूप से प्रयास करें, इसके लिए शिक्षकों का मार्गदर्शन प्रदान किया. सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों के शिक्षा गुणवत्ता के स्तर में सुधार लाने का प्रयास करने हेतु सभी शिक्षकों को एक टीम के रूप मे कार्य करने का निदेश दिया.
उपायुक्त द्वारा मासिक मूल्यांकन परीक्षा शुरू करने के उद्देश्यों को लेकर बताया गया कि बच्चों में ज्ञान की समझ विकसित करने, प्रभावी छात्र शिक्षक संवाद स्थापित करना है, ताकि बच्चों को उनकी कमियों की जानकारी मिल सके एवं इसमें अपेक्षित सुधार लाया जा सके.
उन्होंने कहा कि बच्चे विद्यालयी शिक्षा का केंद्र होते हैं, बच्चों में ज्ञानार्जन सुनिश्चित करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका एक अध्यापक की ही होती है. छात्र की अध्ययन प्रगति का आकलन करना शिक्षक की प्राथमिक भूमिकाओं में से एक है. कक्षा में छात्रों के नियमित और निरंतर मूल्यांकन से बच्चों के बीच अध्ययन समस्याओं के समाधान के लिए हल निकालना है.
मासिक मूल्यांकन परीक्षा का केन्द्रबिंदु यही है कि शिक्षक और छात्र दोनों ही सीखने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं
उपायुक्त ने कहा कि बच्चों को मनोरंजक तरीके से पढ़ाकर विषयों के प्रति रूचि जगायें ताकि पढ़ाई उनको बोझ नहीं लगे बल्कि खुशी-खुशी ज्ञानार्जन करें. विज्ञान हो या कोई भी विषय बच्चों को उदाहरण के साथ तथा आसपास उस विषय से जुड़ी चीजों को दिखाते, समझाते हुए पढ़ायें, बच्चों में अक्षर का ज्ञान हो, सिर्फ किताब में लिखी लाइनें पढ़कर या बच्चे रट्टा मारकर परीक्षा नहीं दें इसे सुनिश्चित करें.
बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी निर्मला बरेलिया, जिला शिक्षा अधीक्षक निशु कुमारी, अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी अखिलेश कुमार तथा शिक्षिकाएं उपस्थित थीं.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।
Advertisement
<