पिछले दिनों विश्वविद्यालय की तकनीकी पेच के कारण बंद कर दी गई थी इंटर की कक्षाएं
उदित वाणी, जमशेदपुर: जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के इंटर इकाई के शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों को पिछले तीन महीने से मानदेय नहीं मिला है. इसके कारण एक बार फिर महिला विवि में इंटर की कक्षाएं सुचारू रूप से संचिलात करने में समस्या पेश आ सकती है.
शिक्षकों के समक्ष आर्थिक संकट है और वे अपने घर से विवि परिसर तक आने का खर्च वहन करने की स्थित में भी नहीं हैं. ऐसे में महिला विवि में इंटर की पढ़ाई एक बार फिर संकट में घिरती दिख रही है. शिक्षकों का कहना है कि बना मानदेय के अपने खर्चे पर कॉलेज आना और पढ़ाना संभव नहीं हो पा रहा है.
पहले ही जमशेदपुर विमेंस कालेज के विमेंस यूनिवर्सिटी के रूप में अपग्रेज होने के बाद तकनीकी जटिलताएं हावी हैं. इस बीच मानदेय का न मिलना शिक्षकों के लिए बड़ा संकट बन गया है.
पिछले दिनों जमशेदपुर महिला कॉलेज के जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के रूप में अपग्रेड होने के बाद यूजीसी के तकनीकी पेच का हवाला देते इंटर की इकाई को यहां बंद कर दिया गया था.
इससे करीब चार हजार छात्राओं की इंटर की पढ़ाई बाधित होने का खतरा मंडराने लगा था. छात्राओं के हित को देखते हुए पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन और उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग को हस्तक्षेप करना पड़ा था और पुन: महिला विवि में इंटर की इकाई को फंक्शनल किया गया था.
उस समय विश्वविद्यालय को तकनीकी पेच से बचाए रखने के लिए उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया था कि इंटर की इकाई को महिला विश्वविद्यालय से अलग रखा जाए और इंटर की इकाई के संचालन व इंटर के शिक्षकों के मानदेय के भुगतान के लिए आस-पास के सरकारी प्लस-टू स्कूल के प्रधानाध्यापक को अधिकृत कर दिया जाए, लेकिन अबतक किसी को प्रशासन की ओर से अधिकृत नहीं किया जा सका है.
नतीजा यह कि इंटर की पढ़ाई पुन: शुरू होने के बाद फंड उपलब्ध होने के बाद भी मानदेय का भुगतान नहीं किया जा पा रहा है. विवि प्रबंधन की ओर साफ कहा गया है कि मामला जिला प्रशासन के अधीन है, इसलिए विवि इस मामले में कोई कदम नहीं उठा सकता.
उधर शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि उन्हें अगर अब भी मानदेय नहीं दिया जाता है तो वह कछाएं सुचारू रूप से चलाते रहने की स्थिति में नहीं होंगे, क्योंकि तीन महीने से मानदेय नहीं मिलने से उनके समक्ष आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
अब शिक्षकों को जिला प्रशासन की पहल का इंतजार है कि कब किसी हेडमास्टर को मानदेय भुगतान के लिए अधिकृत किया जाए. फिलहाल महिला विवि कैंपस स्थित इंटर कॉलेज में 60 शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी हैं.
महिला विवि में यूजी दाखिले को पोर्टल बंद
जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय में यूजी में दाखिे के लिए ऑनलाइन आवेदन के लिए खोला गया चांसलर पोर्टल बुधवार देर रात को बंद कर दिया गया.
विश्वविद्यालय में 12 अगस्त को जारी प्रथम मेधा सूची से दाखिला के बाद बाकी बची सीटों पर एडमिशन लेने के लिए यह पोर्टल खोला गया था. अबतक विश्वविद्यालय में यूजी के नए सत्र 2022-26 के लिए नेचुरल साइंस, सोशल साइंस, ह्युमैनिटीज व कॉमर्स में कुल 1123 छात्रों ने दाखिला लिया है. इनमें अकेले कॉमर्स में 350 छात्राओं ने दाखिला लिया है.
31 अगस्त तक चांसलर पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन जमा लिए जाने के बाद सात सितंबर को फिर से मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी. इसमें बॉटनी, केमिस्ट्री, मैथ, फिजिक्स, साइकोलॉजी, होम साइंस, उर्दू, संस्कृत, फिलासफी, म्यूजिक, बांग्ला, ओडिय़ा और कॉमर्स में आवेदन किए जा सकते हैं. अबतक हुए दाखिले के मुताबिक, इन विषयों में छात्राओं की संख्या बेहद कम है.
बॉटनी ऑनर्स में सिर्फ 17 छात्राओं ने नामांकन लिया है. इसी तरह केमिस्ट्री में 52, मैथ में 70, फिजिक्स में 48, साइकोलॉजी में 25, होम साइंस में 08, उर्दू में मात्र 02, संस्कृत में 01, फिलोसफी में 04, म्यूजिक में 01 और बांग्ला में एक भी छात्रा का दाखिला नहीं हुआ है.
इसलिए फिर से आवेदन को चांसर पोर्टल खोला गया है. उधर, पीजी में भी दाखिले की रफ्तार धीमी है. अबतक पीजी में प्रथम मेधा सूची से बोटनी में तीन छात्राओं ने दाखिला लिया है तो संस्कृत में 01, बंगाली में 02, राजनीति विज्ञान में 01, अर्थशास्त्र में 01, फिजिक्स में 09, हिंदी में 14 छात्राओं ने दाखिला लिया है.
पीजी की छात्राएं भी बुधवार तक चांसलर पोर्टल में महिला विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के लिए आवेदन कर सकती हैं.
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