एक साल बीत जाने पर भी ठेकाकर्मियों का स्थायीकरण नहीं हो पाया
उदित वाणी, जमशेदपुर: पिछले वित्तीय वर्ष में टाटा स्टील डाउन स्ट्रीम प्रोडक्ट्स लिमिटेड (पूर्व नाम टीएसपीडीएल) के लाभ दुगुना बढ़ने के बाद कंपनी के कर्मचारियों की उम्मीदें भी बढ़ गई है. 2020-21 में जब कंपनी का लाभ 75 करोड़ के करीब था, तो कर्मचारियों को 17 फीसदी बोनस मिला था. लेकिन वित्तीय वर्ष 2021-22 में कंपनी का लाभ बढ़कर 144 करोड़ के करीब हो गया है.
ऐसे में कर्मचारियों को उम्मीद है कि इस साल कंपनी का बोनस 19 से लेकर 20 फीसदी तक होना चाहिए. कंपनी में बोनस फॉर्मूला के तहत प्रोडक्शन के लिए 10 प्वाइंट और प्रोफिट के लिए 10 प्वाइंट है. प्रोडक्शन के मोर्चे पर कंपनी तो हमेशा आगे रहती थी लेकिन प्रोफिट में पीछे रह जाती थी.
लेकिन इस साल प्रोडक्शन के साथ प्रोफिट के बेहतर रहने के बाद माना जा रहा है कि टीएसपीडीएल का बोनस समझौता बेहतर रहेगा. वैसे अभी तक बोनस वार्ता शुरू नहीं हुई है. बताया जा रहा है कि टाटा स्टील में बोनस समझौता होने के बाद टीएसपीडीएल में बोनस वार्ता शुरू होगी.
पिछले साल 17 फीसदी बोनस मिला था
टीएसपीडीएल में पिछले साल 17 फीसदी बोनस मिला था. बोनस समझौता 27 सितंबर को हुआ था, लेकिन माना जा रहा है कि इस साल 15 से 20 सितंबर के बीच समझौता हो जाएगा. समझौता जमशेदपुर टीएसपीडीएल के साथ ही बारा प्लांट, कोलकाता, कलिंगानगर, फरीदाबाद, पंतनगर, चेन्नई और टाडा यूनिट के कर्मचारियों के लिए भी लागू होता है.
पिछले साल के समझौते के अनुसार बोनस की अधिकतम राशि 79746 रूपए और न्यूनतम 45682 रूपए थी. बोनस समझौता का लाभ कंपनी के लगभग 600 कर्मियों को मिला था, जिसमें जमशेदपुर के 300 कर्मचारी है.
अभी तक नहीं हुआ ठेका कर्मियों का स्थायीकरण
पिछले बोनस समझौता में प्रबंधन और यूनियन के बीच सहमति बनी थी कि ठेका कर्मियों को स्थायीकरण किया जाएगा, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी ठेकाकर्मियों के स्थायीकरण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है.
इसके लिए पिछले साल ही 30 अक्टूबर को लिखित परीक्षा होने वाली थी लेकिन कोविड के चलते प्रशासन की ओर से लिखित परीक्षा लेने की इजाजत नहीं मिली. लेकिन अब पिछले छह माह में जब स्थिति सामान्य हो गई है, उसके बावजूद भी स्थायीकरण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है.
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