उदित वाणी, रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य में एसटी-एससी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग व पिछड़ा वर्ग के आरक्षण प्रतिशत पर रिपोर्ट देने के लिए एक उपसमिति गठित करने की मंजूरी दी.
ज्ञात हो कि लंबे समय से राज्य में आरक्षण की सीमा बढ़ाने को लेकर सरकार से मांग की जा रही है. राज्य सरकार द्वारा अब इसके लिए एक उपसमिति गठित करने का निर्णय लिया गया.
गठित की जानेवाली उच्चस्तरीय उपसमिति द्वारा झारखंड में एसटी-एससी एवं पिछड़ा वर्ग के आरक्षण की सीमा को बढ़ाने को लेकर हर बिंदु पर नजर रखते हुए विचार विमर्श करके राज्य सरकार को अपना सुझाव देते हुए रिपोर्ट पेश करेगी.
पत्थलगड़ी मामले में गुमला थाना में दर्ज मामले को वापस लेने पर दी सहमति
इधर मुख्यमंत्री ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन का विरोध करने के मामले व पत्थलगड़ी का समर्थन कर रहे कई व्यक्तियों के विरुद्ध दर्ज गुमला थाना कांड सं-421/2016 सीआर नंबर-1161/16 दिनांक 02.12.2016 की वापसी संबंधी प्रस्ताव पर अपना अनुमोदन दिया.
मामले में जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मुकदमे दायर किए गए हैं. उनके प्रत्याहरण से संबंधित गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रस्तावित संकल्प प्रारूप को मुख्यमंत्री ने अपनी स्वीकृति प्रदान की है.
मुख्यमंत्री के इस फैसले से गुमला थाना अंतर्गत सीएनटी-एसपीटी में संशोधन का विरोध एवं पत्थलगड़ी करने के क्रम में जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी.
उन्हें अब राहत मिलेगी. इस संबंध में सरकार की ओर से कहा गया कि झारखंड के आदिवासी समुदाय गांव में विधि विधान तथा संस्कार के साथ पत्थलगड़ी [शिलालेख] की परंपरा पुरानी है. पत्थलगड़ी से मौजा सीमाना, ग्रामसभा व अधिकार की जानकारी रहती है.
वंशानुगत पूर्वज व मरनी [मृत व्यक्ति] की याद को संजोकर रखने के लिए भी पत्थलगड़ी की परंपरा रही है. कई गांवों में अंग्रेजों या दुश्मनों के खिलाफ लड़कर शहीद होने वाले वीर सपूतों के सम्मान में भी पत्थलगड़ी की जाती रही है.
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