स्थापना दिवस समारोह में सम्मानित किए जाएंगे 16 शिक्षक व 14 शिक्षकेतर कर्मचारी
उदित वाणी, जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय का 14वां स्थापना दिवस शनिवार को विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में मनाया जाएगा. इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है. शुक्रवार को सीनेट हॉल की साफ-सफाई व चेयर लगाने का कार्य किया गया.
स्थापना दिवस समारोह में रिटायर शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों को सम्मानित भी किया जाएगा. कोल्हान विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ पीके पाणी ने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से तैयारी पूरी कर ली गई है.
सभी कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई गई है. सीनेट हॉल में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इसमें रिटायर शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा. यह परंपरा शुरू से चली आ रही है.
इस साल वैसे शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी को सम्मानित किया जाएगा, जो लंबी अवधि तक सेवा देने के बाद रिटायर हुए हैं. कार्यक्रम में कई गणमान्य लोग भी शामिल होंगे.
इसमें एक अगस्त 2021 से 31 जुलाई 2022 तक जितने भी शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं, उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से सम्मानित किया जाएगा. इसमें 16 शिक्षक व 14 शिक्षकेतर कर्मचारी शामिल हैं.
13 अगस्त 2009 को हुई विवि की स्थापना
कोल्हान विवि 13 अगस्त, 2009 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के प्रयास से चाईबासा में स्थापित हुआ. आरंभिक वर्ष में विवि के मात्र 15 अंगीभूत कॉलेज ही थे. जो अब बढ़कर 20 कॉलेज हो गये हैं.
विवि ने अपने समय के साथ कई उपलब्धि को हासिल किया है. इसमें ऑनलाइन नामांकन, शिक्षकों की कमी को दूर करते हुए घंटी आधारित शिक्षकों की बहाली, नये कॉलेज की स्थापना, प्रत्येक विधानसभा में डिग्री कॉलेज स्थापित, महिला मॉडल कॉलेज की स्थापना, विभिन्न खेल का निर्धारित समय पर पूरा करना इत्यादि शामिल है.
जबकि विवि के पास चुनौती भी कई है. इसमें अधिकतर कॉलेज एवं पीजी विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद वर्षों से रिक्त पड़े हैं, जिनको अबतक पूरा नहीं किया जा सका है. साथ ही शिक्षकेत्तर कर्मचारी की भी काफी कमी है.
लगातार प्रयास के बाद भी सत्र में सुधार नहीं है. पीएचडी में बेहतर सुधार, कम समय पर अधिक शोधार्थियों को डिग्री प्राप्त, अबतक 4 बार दीक्षांत समारोह का आयोजन इत्यादि शामिल है. कोल्हान विवि में यूजी, पीजी समेत वोकेशल व इंजीनियरिंग कॉलेजों से प्रत्येक सेमिस्टर में 30 हजार विद्यार्थियों का एडमिशन होता है.
विश्वविद्यालय के समक्ष अब भी कई चुनौतियां
# घंटी आधारित शिक्षकों को समय पर नहीं मिलता मानदेय, भाषा के शिक्षक नहीं
# क्षेत्रीय भाषाओं पर शिक्षक नहीं होने के कारण कई विद्यार्थी विवि में नामांकन नहीं कराते
# शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की भारी कमी, फाइल पहुंचाने के लिये भी कर्मचारी नहीं
# सीबीसीएस प्रणाली लागू होने के बाद अपेक्षाकृत मूलभूत सुविधाएं व संसाधन छात्रों को मुहैया नहीं
# विवि से लेकर कॉलेजों तक में कार्यप्रणाली बेहद लचर, सख्त मॉनिटरिंग नहीं होने से मुख्यालय खाली रहता है
# छात्रों के लिये गठित कमेटियां सक्रिय नहीं है, विद्यार्थियों को मुख्यालय तक दौड़ लगानी पड़ती है
# एनसीसी एवं एनएसएस जैसी गतिविधियों को लेकर विवि का रवैया असंतुलित, एनसीसी तो कुछ कॉलेजों तक सीमिति
# विद्यार्थियों को प्लेसमेंट दिलाने को लेकर अपेक्षाकृत सकारात्मक पहल होती नहीं दिखी
# विवि व कॉलेजों को तकनीकी तौर पर अपडेट बनाने की दिशा में संसाधनों की कमी पूरी नहीं की जा सकी
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