उदित वाणी, जमशेदपुर: करनडीह स्थित एलबीएसएम कॉलेज में चल रहे व्याख्यान के तहत आज स्वतंत्रता संनानी राजगोपलाचारी, डॉ भीम राव अंबेडकर एवं सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर क्रमश: केयू के पूर्व सिंडिकेट सदस्य मनोज कुमार सिंह, वाणिज्य विभाग की डॉ. रानी एवं डॉ अशोक कुमार झा ने अपने व्याख्यान दिए. मनोज सिंह ने कहा कि चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को देश के प्रथम भारत रत्न की उपाधि मिली.
तमिलनाडु में रहकर हिंदी भाषा के प्रसार को दक्षिण भारत में आगे बढ़ाया. समाज में अस्पृस्यता न रहे इसके लिए प्रयास किया. तमिल रामायण की रचना के कारण उन्हें पुरस्कार मिला. वे स्वतंत्र देश के प्रथम गवर्नर जनरल थे. उन्होंने कहा था कि सत्ता पक्ष अगर भ्रष्ट होगा तो समाज भ्रष्ट होगा. वे कोटा लाइसेंस राज के विरोधी थे.
वे एक साथ चुनाव सुधारक, आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक सुधारक के साथ एक विद्वान भी थे. डॉ रानी ने कहा कि डा अंबेडकर संविधान के जनक थे. उन्होंने दलित के उत्थान के लिए आजीवन प्रयास किया. डॉ अशोक कुमार झा ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में बीएचयू का बड़ा योगदान था जिसके प्रणेता सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे, जो देश के द्वितीय राष्ट्रपति बने.
कार्यक्रम में स्वागत भाषण डॉ अजेय वर्मा, संचालन विजय प्रकाश एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो बिनोद कुमार ने किया. इस कार्यक्रम में डॉ पी के गुप्ता, प्रो विनय कुमार गुप्ता, प्रो संतोष राम, डॉ जया कच्छप, प्रो रितु, डॉ सुधीर कुमार, डॉ नूतन रानी, प्रो मोहन साहू, डॉ संतोष कुमार, प्रो प्रमिला किस्कू, प्रो शिवनाथ शर्मा, विनय कुमार सहित सैकड़ों विद्यार्थी उपस्थित थे.
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