उदित वाणी रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए. इसके साथ उन्होंने कहा कि राज्य के जिन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास से पढ़ाई की व्यवस्था है. वैसे विद्यालयों में सॉफटवेयर व ई-कंटेंट नियमित रूप से अपडेट करें. मुख्यमंत्री सोरेन ने मंगलवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की उच्चस्तरीय बैठक करते हुए शिक्षा विभाग को उक्त निर्देश दिए और शिक्षक नियुक्ति, मॉडल स्कूलों के संचालन व सरकारी विद्यालयों में आईसीटी कार्यक्रमों की भी समीक्षा की तथा मध्य विद्यालयों में भी आईसीटी लैब स्थापित करने की विभाग को निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सरकारी विद्यालयों में बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. वहीं बैठक के दौरान विभाग की ओर से बताया गया कि सहायक आचार्य के लगभग 50 हज़ार पद सृजित करने संबंधी प्रस्ताव पर प्रशासी पदवर्ग समिति की स्वीकृति मिल गई है और अब इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की स्वीकृति ली जायेगी. वहीं प्लस 2 विद्यालयों में 5610 शिक्षकों व 690 प्रयोगशाला सहायक के पदों पर बहाली के लिए कार्मिक विभाग को अधियाचना भेजी गई है. जबकि मॉडल स्कूलों में 979 शिक्षक व 267 प्रयोगशाला सहायक के पद पर नियुक्ति के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. विभाग द्वारा बताया गया कि वर्तमान में 974 विद्यालयों में आईसीटी लैब अधिष्ठापित किए जा चुके हैं तथा इस वर्ष के अंत तक और 920 विद्यालयों में इसे चालू कर दिया जायेगा. माध्यमिक विद्यालयों के साथ मध्य विद्यालय में भी आईसीटी लैब स्थापित करने की योजना पर विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है. विभाग के सचिव ने अवगत कराया कि राज्य में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के लिए 89 पिछड़े प्रखंडों में मॉडल स्कूल स्वीकृत किए गए हैं. इनमे 84 स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है. लेकिन प्रखंड स्तर पर स्थापित इन विद्यालयों में हॉस्टल अथवा परिवहन की सुविधा नहीं होने से बच्चों को स्कूल आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और इस वजह से बच्चों के नामांकन को लेकर रूचि नहीं लिया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विद्यालयों में बच्चों के स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सभी विकल्पों को ध्यान में रखकर आवश्यक कदम उठायें. उन्होंने सभी विद्यालयों का जिओ टैगिंग कराने का भी निर्देश दिए.
घुमंतू बच्चों का करें पुनर्वास- राजेश्वरी
इधर झारखंड राज्य बाल संरक्षण के निदेशक सह सदस्य सचिव राजेश्वरी बी ने जिलों में बाल कल्याण समिति के गतिविधियों व बाल संरक्षण की दिशा में देखरेख एवं संरक्षण संबंधी कार्यों की समीक्षा की और पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि सड़कों पर घुमंतू जीवन व्यतीत करने वाले बच्चों को चिन्हित करके उनके पुनर्वास के लिए आवश्यक कदम उठायें और बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ें. इसके साथ ही उन्होंने अनाथ व बेसहारा बच्चों के कल्याण के लिए 2714 बच्चों को प्रतिमाह 4000 रुपए दिए जा रहे सहयोग की भी जिलावार समीक्षा की.
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