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उदित वाणी जमशेदपुर: जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी में इंटर की पढ़ाई कर रहीं द्वितीय वर्ष की छात्राओं के भविष्य पर भी अब संकट गहरा गया है. विवि प्रशासन के इंटर को बंद करने के फैसले के कारण यहां इंटर की सेकेंड इयर की छात्राओं की पढ़ाई ठप पड़ गई है. इससे 3000 छात्राओं के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं. मंगलवार को इंटर की छात्राओं ने पढ़ाई बंद होने की शिकायत पर विमेंस यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. डॉ. अंजिला गुप्ता का कक्ष घेर लिया और विरोध प्रदर्शन किया. छात्राओं ने शिकायत की कि विश्वविद्यालय की ओरसे अचानक कक्षाओं का संचालन बंद कर दिया गया. इससे 11वीं से 12वीं में प्रमोट होने के बाद उनका भविष्य अधर में लटक गया है. इधर इंटर की कांट्रेक्ट शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी मानदेय देना बंद कर दिया गया. यहां इंटर की कुल 35 शिक्षक-शिक्षिकाएं थीं, जिन्हें अब वेतन नहीं दिया जा रहा है, जिसके कारण शिक्षिकाओं ने कक्षाएं लेनी बंद कर दी. इसके कारण इंटर सेकेंड इयर की कक्षाएं ठप पड़ गई हैं. हालांकि एनएसयूआई के प्रदेश संयोजक प्रभजोत सिंह के नेतृत्व में मंगलवार को छात्राओं ने विवि के कुलसचिव प्रभात कुमारसिंह से मुलाकात की. उन्होंने छात्राओं को बताया कि कुलपति प्रो. डॉ. अंजिला गुप्ता उनकी सेकेंड इयर की पढ़ाई पूरी करवाने के प्रयास में है. बीच मझदार में छात्राओं को नहीं छोड़ा जाएगा. उनकी इंटर की पढ़ाई पूरी कराई जाएगी. गौरतलब हो कि जमशेदपुर विमेंस विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. डॉ. अंजिला गुप्ता ने बतौर कुलपति पदभार संभालने के बाद साफ कर दिया था कि जमशेदपुर विमेंस कॉलेज में अब इंटर की पढ़ाई नहीं होगी. ऐसा इसलिए, क्योंकि जमशेदपुर विमेंस कॉलेज अब कॉलेज नहीं रहा, बल्कि जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी बन चुका है और किसी भी विश्वविद्यालय में इंटर की पढ़ाई नहीं कराई जा सकती है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) इसकी अनुमति नहीं देता. उल्टे अगर किसी विश्वविद्यालय में मानकों की अनदेखी कर इंटर की पढ़ाई कराई जाती है तो उसे यूजीसी से प्राप्त किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल पाएगा.
इंटर कक्षा चलाने को अनुमति लेने का चल रहा प्रयास
दरअसल, यूजीसी की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुरूप कॉलेज में इंटर की पढ़ाई कराने का कोई विकल्प उपलब्ध ही नहीं है. चूंकि जमशेदपुर विमेंस कॉलेज यूजीसी के प्रावधानों का लाभ लेकर ही अपग्रेड होकर विश्वविद्यालय बना है, ऐसे में यूजीसी द्वारा निर्धारित नियम के विरुद्ध यहां इंटर की पढ़ाई कराना कहीं से संभव नहीं है. हालांकि छात्राओं के दबाव व छात्र नेताओं के आंदोलन को ध्यान में रखते हुए जमशेदपुर विमेंस विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डॉ. अंजिला गुप्ता ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल व उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है, लेकिन इस पत्र के जवाब को लेकर तकनीकी पेच यह है कि न तो जैक और न ही उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग इस मसले पर लिखित में अनुमति दे सकते हैं.
यूजीसी की गाइडलाइन के मुताबिक लिया गया फैसला
कोल्हान विश्वविद्यालय व जमशेदपुर विमेंस विश्वविद्यालय के फाइनेंस ऑफिसर डॉ. पीके पाणी कहते हैं कि विमेंस यूनिवर्सिटी में चाहकर भी इंटर की पढ़ाई नहीं कराई जा सकती है, क्योंकि यूजीसी ने 2016 में जब सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की. इसी के साथ यह रेगुलेशन जारी किया कि किसी भी विश्वविद्यालय व उसके अंगीभूत कॉलेजो में इंटर की पढ़ाई नहीं कराई जा सकेगी. सभी विश्वविद्यालयों से इस बाबत लिखित शपथपत्र भी यूजीसी ने लिया. ऐसे में जब यूजीसी के प्रावधानों का लाभ लेकर ही जमशेदपुर विमेंस कॉलेज को अपग्रेड कर विवि बनाया गया है तो यहां यूजीसी के रेगुलेशन का उल्लंघन कैसे संभव है. चूंकि विमेंस कॉलेज अब विश्वविद्यालय हो चुका है, इसलिए पहले जिस तरह अलग विंग बनाकर इंटर कॉलेज का संचालन किया जा रहा था, अब वह भी नहीं हो पाएगा. लिखित में कहीं से यहां इंटर कॉलेज चलाने की अनुमति मिलना भी संभव नहीं दिखता.
केयू के सभी डिग्री कॉलेजों में चलता इंटर
सभी तकनीकी पेच के बावजूद कोल्हान विवि के कॉलेजों में इंटर की कक्षाएं चल रही हैं. दरअसल इंटर की कक्षाएं चलाने के लिए कॉलेजों में राज्य सरकार के मौखिक आदेश पर सभी कॉलेजों में इंटर के अलग विंग हैं. उन विंग का बैंक अकाउंट भी अलग है, जो सीधे झारखंड एकेडमिक काउंसिल से मॉनिटर किया जाता है. यह सरकार के मौखिक आदेश पर ही हो रहा है. नियमत: ये सभी कॉलेज यूजीसी के रेगुलेशन की पेच में फंस सकते हैं, लेकिन सभी कॉलेजों ने इंटर के लिए अलग ढांचागत संसाधन भी दिखाए हैं. लेकिन चूंकि विमेंस कॉलेज अब यूनिवर्सिटी बन चुका है, ऐसे में इस कॉलेज के पास अलग विंग स्थापित करने का उपाय नहीं है.
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