उदित वाणी, जमशेदपुरः सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष ( जनसंपर्क एवं कल्याण) मुकेश मित्तल ने डीसी श्रीमती विजया जाधव को पत्र लिख जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न बाजार और सैरात की दुकानों के किराया निर्धारण की जांच को लेकर गठित कमेटी में शामिल प्रतिनिधियों के नाम पर सवाल खड़ा किया है.
उन्होंने डीसी से आग्रह किया है कि इस कमिटी में सैरात बाजारों के प्रतिष्ठित व्यापारियों एवं निबंधित व्यापारिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को रखा जाय, ताकि इनके द्वारा जांच के पश्चात जो किराया निर्धारण रिपोर्ट तैयार हो, वह दुकानदार और व्यापारियों के बीच मान्य हो. मित्तल ने इस पत्र की कॉपी बन्ना गुप्ता, मंत्री, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, परिवार कल्याण एवं आपदा प्रबंधन विभाग, झारखण्ड सरकार, सरयू राय, विधायक, जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर, अरूण कुमार सिंह, मुख्य सचिव, झारखण्ड सरकार, रांची और विनय कुमार चौबे, सचिव, नगर विकास विभाग, झारखण्ड सरकार, रांची को भी भेजी है.
क्या है गड़बड़ी कमेटी में
मित्तल ने लिखा है कि सैरात बाजार के बढ़े हुए किराये को वसूलने पर स्टे लगाने के पश्चात डीसी कार्यालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन संख्या 295(B) दिनांक 02.07.2022 द्वारा जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न बाजार और सैरातों की दुकानों के किराया निर्धारण की जांच करने के लिए कमिटी गठित की गई है. इस कमिटी में 10 सैरात बाजारों के दो-दो व्यापारी प्रतिनिधियों को रखा गया है.
लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि इन प्रतिनिधियों का चयन किस आधार पर किया गया है. सैरात बाजार का मुद्दा उठने पर जमशेदपुर में कई व्यावसायिक संगठन खड़े हो गये हैं, जिनका न तो कोई अस्तित्व है, न ही विश्वसनीय हैं और न ही निबंधित हैं. साकची बाजार में 3644 दुकानें हैं जो जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति की 10 सैरात बाजारों का लगभग 50 प्रतिशत है.
नोटिफिकेशन के अनुसार साकची बाजार से जो दो नाम शामिल किए गये हैं, वो पार्टी निर्मित दुकानों का प्रतिनिधित्व करते हैं. साकची से कंपनी निर्मित दुकानों का कोई भी प्रतिनिधि गठित कमिटी में नहीं लिया गया है. इसके अलावा कदमा बाजार से सुंभोजी नामक व्यक्ति को कमिटी में रखा गया है, जबकि इस नाम का कोई व्यक्ति है ही नहीं है.
क्या है मामला
पिछले दिनों जेएनएसी द्वारा टाटा स्टील से जमशेदपुर के बिष्टुपुर, साकची, गोलमुरी, टेल्को, कदमा, सोनारी क्षेत्र सहित 10 सैरात बाजारों की जिम्मेदारी अपने हाथों में लेने के बाद दुकानों के किरायें में अप्रत्याशित रूप में 500 से 700 गुना तक वृद्धि कर दी गई थी, जिसे वापस लेने हेतु सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के नेतृत्व में विभिन्न बाजार के व्यापारियों ने उपायुक्त न्यायालय में अपील दायर की थी. इस अपील पर उपायुक्त न्यायालय द्वारा संज्ञान लेते हुए किरायों को वसूलने पर स्टे लगा दिया गया गया है.
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