उदित वाणी, जमशेदपुरः एनआईटी जमशेदपुर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि 9 जुलाई को होने वाले राज्यपाल के कार्यक्रम में आमंत्रण देकर उन्हें कार्यक्रम कवर करने पहुंचे पत्रकारों की इंट्री नहीं दी गई. इसे लेकर एनआईटी के व्हाट्सअप ग्रुप में सुबह से ही पत्रकारों ने अपना विरोध और आक्रोश जताया लेकिन संस्थान के नये प्रवक्ता सुनील कुमार भगत कोई माकूल जवाब नहीं दे पाएं.
जब अंतिम समय में पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगाने का फैसला हुआ, तब भी भगत ने ग्रुप में इसे अपडेट नहीं किया. 10 बजकर 3 मिनट पर भी ग्रुप में उनका एक मैसेज है, राज्यपाल 15 मिनट के अंदर पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्होंने पत्रकारों की इंट्री के बारे में एक शब्द भी नहीं लिखा. आमंत्रण में कार्यक्रम का समय 10 बजकर 30 मिनट था, जबकि राज्यपाल 10.15 मिनट पर ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गये.
उसके पहले कार्यक्रम में दो पत्रकार पहुंचे थे, लेकिन राज्यपाल के आगमन के बाद जो भी पत्रकार आया, उसे कोविड के नाम पर अंदर जाने से रोक दिया गया. कार्यक्रम में हुए बदलाव को भी एनआईटी के प्रवक्ता ने अपडेट नहीं किया. साढ़े दस बजे तक पहुंचने वाले सारे पत्रकारों को रोक दिया गया और एक कमरे में बैठने के लिए कहा गया. इसे लेकर कई पत्रकारों ने अपनी आपत्ति जताई.
उनका कहना था कि एनआईटी के इतिहास में पहली बार ऐसा मिस मैनेजमेंट दिख रहा है. इसके पहले के प्रवक्ता निशांत कुमार और दीपक चौरसिया ने मीडिया को बेहतरीन तरीके से हैंडल किया? उन्होंने संस्थान प्रबंधन से अनुरोध किया कि प्रवक्ता जैसे पद पर किसी ऐसे व्यक्ति को रखें, जो मीडिया को सही तरीके से हैंडल कर सकें. ऐसा नहीं हो कि वह सेलेक्टिव तरीके से काम करें?
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