उदित वाणी, जमशेदपुरः टाटा स्टील फाउंडेशन ने शुक्रवार को कुडी महंती सभागार में ‘सबल पुरस्कार’ समारोह के तीसरे संस्करण का आयोजन किया. यह आयोजन टाटा स्टील फाउंडेशन के पीडब्ल्यूडी के साथ जुड़ाव और व्यापक समाज के लिए समावेशिता पर इसके संदेश का एक स्मरणोत्सव था.
टाटा स्टील फाउंडेशन ने 2017 में विकलांग व्यक्तियों के लिए एक सहभागी पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में सबल की शुरुआत की, जो सुलभ बुनियादी ढांचे, क्षमता विकास, आर्थिक स्वतंत्रता और संवेदनशीलता को हर साल 5,000 से अधिक लोगों के लिए गरिमा के अंतिम साधन के रूप में सक्षम बनाता है.
इस वर्ष पुरस्कारों को भारत के 25 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों से 700 से अधिक प्रविष्टियां मिलीं, जिनमें से 56 प्रतिभागियों को राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता स्वतंत्र जूरी द्वारा श्रेणियों में चुना गया था. ये कुशल गायक, चित्रकार, नर्तक, लेखक और सामुदायिक कार्यकर्ता हैं. स्पिरिट ऑफ एक्सप्रेशन और स्पिरिट ऑफ रेजिलिएंस के तहत विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार दिए गए.
विजेताओं में महेंद्र दास, मानस कुमार दास, दीपाली शर्मा, अमित कुमार (सबल-कलाकार), सुधा कुजूर, अत्रे मयूरी हेमंत, श्रेया युवराज गढ़वे, एन नज़ानो शिटियो, बसंत केवट, बालासुब्रमण्यम ग्रांडी (सबल-गायक), डॉली सिंह, गुरजंत सिंह, वकार यूनुस, आलोकिता, आंचल कायत (सबल-वर्डस्मिथ), विश्वास के एस, शिवानी देशवाल, ऐश्वर्या देवकीनंदन चौहान, मंसूरी साहिल, प्राची चौधरी, रोज़लिनी चौधरी (सबाल-नर्तक), सैम वर्गीस, आनंद जी अनन्या हलर्नकर, अनुराग भौमिक , श्रेयन चक्रवर्ती, गोपीकृष्णन के वर्मा (सबल-कलाकार), हनी भागचंदानी, श्रीमती बिजल हरखानी (सबल डिजाइन थिंकिंग एंड इनोवेटिव सॉल्यूशंस)शामिल थे.
सबल म्यूजिकल उस्ताद श्रेणी के तहत केतौलहौतुओ जुयी, प्रथम अशोक राठौड़, सुकृति पाल और रघुनाथ नाग को पुरस्कार मिले. जुस्को के एमडी तरूण डाग्गा ने विजेताओं को पुरस्कृत किया.
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