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उदित वाणी, जमशेदपुर : जमशेदपुर में कोरोना रफ्तार पकड़ने लगा है. धीरे-धीरे कोविड मरीजों की संख्या बढ़ रही है. मरीजों की बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के डीसी को पत्र लिखा है. वहीं तत्काल टेस्टिंग बढ़ाने का निर्देश दिया है. इतना ही नहीं संक्रमण रोकने के लिए सख्त कदम उठाने को भी कहा है. साथ ही जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भी रैंडम सैंपल भेजने का आदेश दिया है. जिससे कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर रोक लगाई जा सके.
अब तो कोरोना वारियर भी संक्रमित हो रहे. एमजीएम अस्पातल के अधीक्षक अरुण कुमार के साथ ही चार और डॉक्टर भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. मंगलवार को कोरोना जांच के बाद आई रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है. अरुण कुमार ने खुद इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कुछ दिनों से उनमें कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे थे जिसके बाद उन्होंने कोरोना जांच कराई जिसमें वे पॉजिटिव पाए गए हैं. उनके अलावा अस्पताल के चार और डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए. उन्होंने खुद को होम क्वारंटाइन कर लिया है.
इधर, बुधवार को पूर्वी सिंहभूम जिले में 25 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए. इनमें सबसे ज्यादा मामले टेल्को में आए हैं. टेल्को में कुल 6 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए. इसके बाद बारीडीह में 5, मानगो और कदमा में 3-3, साकची और सोनारी में 2-2, चाकुलिया, बिरसानगर, जुगसलाई और परसुडीह में 1-1 मामले सामने आए. बुधवार को कुल 331 सैंपल टेस्ट किए गए थे. जानकारों के मुताबिक झारखंड में फिलहाल संक्रमण का फैलाव पहले दौर जैसा है, इसलिए कोरोना गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है. कोरोना का वर्तमान फैलाव पहले दौर के शुरुआती 30 दिनों जैसा है. 31 मार्च 2020 को राज्य में पहला संक्रमण का मामला मिला था. पहले संक्रमण के 20 दिन बाद राज्य में 0.95% संक्रमण दर थी. 21 अप्रैल 2020 को राज्य में एक्टिव केस 59 था. 40 दिन बाद संक्रमितों की संख्या 158 थी. वर्तमान में (चार जुलाई 2022) कोरोना की रफ्तार भी उसी तरह 0.81 से 0.95 फीसदी ही है. कोरोना का वर्तमान वैरिएंट ओमिक्रोन बीए 4 और बीए 5 है और यह उतना घातक नहीं है.
लापरवाही से बचने की जरूरत
दूसरी लहर के शुरुआती दौर में 10 मार्च 2021 को 158 संक्रमित मिले थे. उस समय कोरोना की रफ्तार जांच की तुलना में 0.90 % थी. लेकिन हमने लापरवाही दिखायी और कोरोना के मजबूत डेल्टा वैरिएंट की चपेट में हम आ गये. तीसरी लहर में भी ऐसी ही स्थिति थी. संक्रमण का फैलाव ज्यादा था. तीसरी लहर के शुरुआती दौर में राज्य में एक जनवरी 2022 को 3009 एक्टिव केस थे. उस दिन 107 नये संक्रमित मिले थे, जो जांच का 1.02% था.
जीनोम जांच शुरू
राज्य में जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू हो गयी है. मंगलवार को दिल्ली से इंजीनियर के आने के बाद मशीन से जांच का प्रशिक्षण कर्मचारियों को दिया गया. इसके बाद पहले लॉट में 96 सैंपल जांच के लिए लाये गये हैं. जांच की रिपोर्ट 72 घंटे बाद शनिवार की सुबह मिलेगी. रिम्स में जीनोम मशीन और जेनेटिक विभाग का शुभारंभ बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने किया.
कोरोना की पहली व दूसरी लहर में जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन काफी जरूरत पड़ी थी. लेकिन कई बार प्रयास करने के बाद भी विभाग इसकी खरीदारी नहीं कर पाया. कई बार इसके मूल्य को लेकर मामला फंसा रहा लेकिन अंततः इसकी खरीदारी हो सकी. हालांकि जिस वक्त इस मशीन की जरूरत थी उस समय यह उपलब्ध नहीं हो पाया. लेकिन अब उम्मीद है कि आगे किसी भी वायरस के वैरीएंट को पहचानने में तुरंत मदद मिलेगी ताकि इसके रोकथाम को लेकर रणनीति बनाई जा सके व इलाज सुलभ हो सके.
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