उदित वाणी, जमशेदपुर : फॉग (कुहासा) के दौरान ट्रेनों के संचालन को सुरक्षित और समयबद्ध बनाने के लिए रेलवे ने बड़ा कदम उठाया है. अब फॉग सेफ डिवाइस को सीधे लोको (इंजन) में ही स्थायी रूप से फीड किया जाएगा. इससे अब सहायक लोको पायलट को अलग से यह डिवाइस लेकर चलने की जरूरत नहीं पड़ेगी. रेलवे बोर्ड ने 29 अप्रैल को देश के सभी लोको शेडों को यह आदेश जारी कर दिया है.
इस निर्णय से रेलवे में सुरक्षा, समयबद्धता और राजस्व तीनों क्षेत्रों में सुधार की उम्मीद है. मेंस यूनियन के मंडल संयोजक कामरेड मनोज कुमार सिंह ने बताया कि यह फैसला ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर 28 अप्रैल को देशभर में हुए धरना-प्रदर्शन के बाद लिया गया है. रेलवे क्रू गार्ड लॉबी के सामने हुए इस आंदोलन में प्रमुख मांग थी कि फॉग साफे डिवाइस को इंजन में ही स्थायी रूप से लगाया जाए.
कामरेड मनोज कुमार सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “रेलवे बोर्ड को कर्मचारियों की जायज़ मांगों के आगे झुकना पड़ा. यह रनिंग स्टाफ के लिए एक बड़ी जीत है. मेंस यूनियन लगातार रनिंग कर्मचारियों के हित में संघर्ष करती रही है और करती रहेगी.”
उन्होंने आगे कहा कि यूनियन आने वाले समय में 25 फीसदी बढ़े हुए माइलेज रेट को एरियर के साथ लागू करवाने के लिए भी सक्रिय प्रयास कर रही है. यूनियन ने भरोसा दिलाया है कि वह रेल कर्मचारियों के हर जायज़ हक के लिए संघर्ष करती रहेगी.
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