उदित वाणी, रांची: प्रभारी मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों को नौकरी भी मिलेगी और उनके आश्रितों को नौकरी में क्षैतिज आरक्षण भी दी जायेगी. लेकिन झारखंड आंदोलनकारियों के लिए निर्धारित कोई भी लाभ वनांचल आंदोलनकारियों को नहीं मिलेगा. वहीं भाजपा विधायक अमित कुमार यादव ने इस संबंध में सवाल उठाते हुए कहा कि दुर्भावना से ग्रसित होकर झारखंड आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग ने वनांचल शब्द को हटा दिया. जिससे वनांचल आंदोलकारियों को पेंशन एवं अन्य लाभ नहीं मिल पा रहा है. जबकि अलग राज्य को लेकर वनांचल आंदोलनकारी भी जेल गए थे.
उनके समर्थन में विधायक सीपी सिंह ने भी कहा कि अलग राज्य आंदोलन का नाम कुछ भी हो. लड़ाई लड़नेवालों को लाभ मिलना चाहिएं. उन्होंने बताया कि पूर्व मंत्री समरेश सिंह के नेतृत्व में झारखंड के साथ-साथ ओडिशा और पश्चिमी बंगाल के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर वनांचल राज्य के लिए आंदोलन किया गया था. वहीं मंत्री सुदिव्य कुमार ने भी कहा कि झारखंड आंदोलनकारी चिह्नितीकरण के लिए नियम और मानक तय है. वनांचल आंदोलन के नाम पर किसी पर मुकदमा हुआ है तो उसे पेंशन या अन्य लाभ नहीं मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि वनांचल आंदोलनकारियों में चिराग जलाकर ढूंढ़ने से भी लाठी खानेवाला या जेल जानेवाला नहीं मिलेगा. इस मामले में सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी नोकझोंक भी हुई.
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