उदित वाणी, रांची: जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने राज्य सरकार द्वारा जमशेदपुर को औद्योगिक नगर समिति गठित करने की अधिसूचना की वैधानिकता पर सवाल उठाया और कहा कि इसके क्रियान्वयन में बहुत सारी कठिनाईयां सामने आयेंगी. विधायक राय ने ध्यानाकर्षण सूचना के जरिये इस मामले को उठाया. उन्होंने कहा कि अधिसूचना संविधान और झारखंड नगरपालिका अधिनियम के प्रतिकूल है और टाटा लीज समझौता के भी विरूद्ध है. वहीं सरकार की ओर से उत्तर देते हुए नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि सांवैधानिक तरीके से ही जमशेदपुर को औद्योगिक नगरी घोषित किया गया है.
जो त्रुटियां रही है, उसे एसओपी जारी कर सुधारा जायेगा. इस मुद्ये पर सदन में लगभग 18 मिनट तक वाद-विवाद हुआ और स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इस मामले में काफी समय चर्चा हुई. विधायक सरयू राय को मामले में जो भी आपत्तियां हैं. प्रभारी मंत्री के कक्ष में रखें. यद्यपि सरयू राय बहुत देर तक अड़े रहे. उनका मुख्य मुद्या यह था कि औद्यागिक नगरी के अध्यक्ष व सदस्यों को लेकर था. राय ने कहा कि औद्योगिक नगर समिति के अध्यक्ष स्थानीय मंत्री या प्रभारी मंत्री को बनाये जाने का प्रावधान किया गया है. जबकि अध्यक्ष स्थानीय डीसी को बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि क्योंकि औद्योगिक नगर समिति को लाभ के पद से अलग नहीं किया गया है.
वहीं उन्होंने कहा कि समिति में टाटा स्टील का बहुमत है और इसकी वजह से सरकार व जनता के हितों का नुकसान हो सकता है. इस पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि समिति में सरकार ही बहुमत में रहेगी. जनता के लिए कुल 15 सदस्य उत्तरदायी होंगे. जिनमें राज्य सरकार के नगर विकास व आवास विभाग के प्रतिनिधि के रूप में 6 सदस्य के अलावा स्थानीय लोकसभा सदस्य, जमशेदपुर पूर्वी व पश्चिम के विधायक तथा शहरी क्षेत्रों के अन्य प्रतिनिधि के रूप में नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से सेवा, कला उद्योग, सामाजिक कार्य, संस्कृति व खेल के क्षेत्र में ख्यातिप्राप्त 5 मनोनीत सदस्य होंगे. वहीं टाटा कामगार यूनियन के भी एक प्रतिनिधि होंगे. जबकि टाटा स्टील की ओर से 11 व टाटा मोटर्स लिमिटेड की जमशेदपुर ईकाई के दो सदस्य होंगे.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।