उदित वाणी, जमशेदपुर: भारत विरोधी खालिस्तानी तत्वों के समर्थन और घरेलू राजनीतिक संकटों के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है. हालांकि, उन्होंने कहा है कि लिबरल पार्टी के नए नेता चुने जाने तक वह प्रधानमंत्री बने रहेंगे.
इस्तीफे के कारण और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
अपने इस्तीफे के बारे में ट्रूडो ने कहा, “मैं किसी भी लड़ाई से आसानी से पीछे नहीं हटता, खासकर जब यह हमारे देश और पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हो, लेकिन मैं यह कदम देश और जनता के भले के लिए उठा रहा हूं.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह पार्टी की आंतरिक लड़ाइयों के कारण अगले चुनाव में नेता नहीं बने रह सकते.
उनके इस्तीफे की घोषणा के बाद, कनाडा की संसद 24 मार्च तक स्थगित रहने का निर्णय लिया गया है. इस दौरान लिबरल पार्टी को अपना नया नेता चुनने का समय मिलेगा. संसद का सत्र 27 जनवरी को पुनः शुरू होने वाला था, लेकिन अब इसे 24 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
पार्टी के भीतर विरोध और इस्तीफे की आंशिक वजह
पिछले कुछ महीनों में जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ पार्टी में विरोध बढ़ने लगा था. खासकर वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने दिसंबर 2024 में अचानक इस्तीफा दे दिया था, जिससे ट्रूडो पर राजनीतिक दबाव बढ़ गया था. फ्रीलैंड और ट्रूडो के बीच नीतियों पर मतभेद थे, जिसमें फ्रीलैंड का कहना था कि कनाडा को आर्थिक रूप से मजबूत रखना चाहिए और खर्चों को नियंत्रित करना चाहिए.
इसके अलावा, 2023 में कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और ट्रूडो द्वारा भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाने के बाद भारत और कनाडा के रिश्ते में खटास आई थी. दोनों देशों ने एक-दूसरे से राजनयिकों को वापस बुला लिया था. इस विवाद ने ट्रूडो के नेतृत्व को और कमजोर कर दिया था.
आगामी चुनाव और पार्टी में दावेदार
कनाडा में इस साल आम चुनाव होने वाले हैं, और ट्रूडो चौथी बार चुनाव मैदान में उतरने की योजना बना रहे थे. लेकिन पार्टी के अंदर विरोध के चलते उनका राजनीतिक भविष्य अब सवालों के घेरे में आ गया है. टोरंटो और मोंट्रियल के चुनावों में मिली हार के बाद उनके खिलाफ विरोध और तेज हो गया था.
ट्रूडो के इस्तीफे के बाद, लिबरल पार्टी में प्रधानमंत्री पद के लिए कई नेता संभावित दावेदार माने जा रहे हैं, जिनमें पूर्व वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड, वित्त मंत्री डोमिनिक लेब्लांक, सेन फ्रेजर, मार्क कॉर्नी और क्रिस्टी क्लार्क का नाम शामिल है.
क्या ट्रूडो के इस्तीफे से पार्टी का भविष्य तय होगा?
क्या लिबरल पार्टी में नया नेतृत्व देश को स्थिरता और विकास की दिशा में ले जा पाएगा? यह सवाल इस समय कनाडा के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में अहम बना हुआ है.
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